अयोध्या में 20 दिसम्बर को प्रदेश अधिवेशन में रणनीति पर हो सकती है चर्चा
लखनऊ। राजधानी में लक्ष्मण टीला को लेकर हिन्दू महासभा रणनीति बनाने में जुट गई है। इसके लिये पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को संदेश भी देने जा रही है कि लक्ष्मण टीला को मुक्त कराने के लिये होने वाली हरसम्भव लड़ाई में सड़कों पर उतरने के लिये तैयार रहें।
महासभा के मुताबिक मुगलकाल के दौरान जबरन तोड़फोड़ कर अन्य धर्म में बदले गये हजारों हिन्दू मन्दिरों में जहां कानूनी लड़ाई के बाद पुरुषोत्तम राम का जन्मस्थल मुक्त हो पाया है, वहीं अब कृष्ण जन्मभूमि का मामला न्यायालय की शरण में जा चुका है, जिसकी सुनवाई जारी है।
इसी तरह अस्तित्व खो चुके हजारों मन्दिरों के वास्तविक स्वरूप में लाने की मांग समय-समय पर विभिन्न हिन्दू संगठनों द्वारा उठायी जाती रहती है। फिलहाल इन्हीं हजारों धार्मिक स्थलों में एक राजधानी लखनऊ में स्थित लक्ष्मण टीला को मुक्त कराने के लिये अखिल भारत हिन्दू महासभा ने कमर कसना शुरू कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी के नेतृत्व में रणनीति बनायी जा रही है।
हिन्दू महासभा के प्रदेश प्रभारी शिव पूजन दीक्षित के मुताबिक आगामी 20 दिसम्बर को अयोध्या में होने जा रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक एवं हिन्दू महासभा, उत्तर प्रदेश के अधिवेशन में लक्ष्मण टीला के वास्तविक स्वरूप में लौटाने की लड़ाई की रणनीति पर प्रस्ताव लाकर चर्चा हो सकती है।
हालांकि दीक्षित ने रणनीति का खुलासा तो नहीं किया। लेकिन, संकेत जरूर दे दिए हैं कि लक्ष्मण टीला की मुक्ति की लड़ाई के लिये तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। इस लड़ाई की शुरुआत कैसे होगी और उसका स्वरूप कैसा होगा, इसका मंथन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच जारी है, और उम्मीद है कि हिन्दू महासभा लक्ष्मण टीला को लेकर सड़कों पर जल्द ही नजर आयेगी।
दीक्षित ने साफ कहा कि मुगल काल के दौरान भारत की संस्कृति और धर्म को नश्ट करने के हरसंभव प्रयास किए गए। जबरन हजारों धार्मिक स्थल नष्ट कर दिए और जो रह गए उसके स्वरूप में छेड़छाड़ कर मस्जिद का रूप देकर नमाज शुरू करा दी गयी। इसका उदाहरण काशी मथुरा में देखा जा सकता है, जबकि लक्ष्मण टीला के अस्तित्व को पूरी तरह मिटाने का कार्य किया गया है। इसे हिन्दू महासभा कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
दीक्षित ने कहा कि इतिहास गवाह है, जिसे टीले वाली मस्जिद बतायी जाती है, वह कभी पुरुषोत्तम भगवान राम के भाई लक्ष्मण जी के नाम पर टीला था, जहां औरंगजेब ने मस्जिद का निर्माण करवा दिया था, और यही नहीं मुस्लिम वोट बैंक के लिये पिछली सपा सरकार ने औरंगजेब के पदचिह्नों पर चलते हुये लक्ष्मण टीला का अस्तित्व मिटाने का काम किया था।