शामली। जनपद में आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। शामली आरपीएफ का एक जवान कोरोना संक्रमित पाया गया था। उसके संपर्क में आए 13 जवानों के सेंपल जांच के लिए भेज गए थे। इन 13 जवानों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद शामली आरपीएफ ने उन्हें एकांतवास में ना रखते हुए चुपके से घर भेज दिया। इस पर शामली डीएम के आदेश पर सीएमओ संजय भटनागर ने शामली थाना आरपीएफ विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
बीती 2 मई को शामली आरपीएफ विभाग से एक जवान अपनी ड्यूटी करने के लिए चेन्नई गया था। चेन्नई पहुंचने के बाद जवान की कोरोना संक्रमण से संबंधित जांच की गई थी। 6 मई को आई जांच रिपोर्ट में जवान को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। जांच के बाद उसके संपर्क में आए शामली आरपीएफ के 13 जवानों को एकांतवास में रख दिया गया था। इन सभी 13 जवानों के सेंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद शामली आरपीएफ विभाग ने सभी जवानों को 14 दिन एकांतवास में ना रखते हुए उन्हें चुपके से घर भेज दिया गया जबकि कोरोना महामारी के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को एकांतवास रखने की समय अवधि 14 दिन रखी गई है। शासन और प्रशासन इसका पूर्ण रूप से अनुपालन भी करा रहा है। शामली आरपीएफ विभाग की मनमानी के सामने शामली पुलिस प्रशासन बौना साबित हो गया है। यहां 13 जवानों को 14 दिन एकांतवास में रखे बिना ही घर जाने की अनुमति दे गई।
इस संबंध में जिलाधिकारी जसजीत कौर का कहना है कि शामली से एक जवान गत 2 मई को चेन्नई अपनी ड्यूटी पर गया था। जहां पर उसमे कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद उसके संपर्क में रहे 13 जवानों को 7 मई में एकांतवास किया गया था। आरपीएफ शामली ने 13 जवानों को उनकी निगेटिव रिपोर्ट आने पर छोड़ दिया। जबकि किसी भी व्यक्ति को एकांतवास रखने का समय 14 दिन है। 13 जवानों को चुपके से छोड़े जाने के इस मामले में शामली मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा आरपीएफ को एक नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।