कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 13 लाशों को बर्बर तरीके से घसीटते हुए गाड़ी में डालने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिला अंतर्गत बहरामपुर से सांसद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी अब इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला तेज कर दिया है।
शनिवार को उन्होंने एक बयान जारी कर कहा है कि लाशों के साथ जिस तरह से बर्बरता की गई है, वह पश्चिम बंगाल की शिक्षा, संस्कृति और सभ्यता की छवि को धूमिल करता है। अब तमाम तरह के बहाने बनाकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। क्या लावारिस लाशें मानव की लाशें नहीं होती?
पश्चिम बंगाल सरकार पर कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाते हुए अधिर रंजन चौधरी ने कहा कि कोरोना मृतकों की संख्या छिपाने की कोशिश चल रही है। आखिर गरिया के जिस श्मशान घाट पर लाशों के साथ इस तरह से बर्बरता की गई, उसका ठेकेदार कौन है? किसका करीबी है? नारद स्टिंग ऑपरेशन कांड का जो हीरो है वह फिलहाल कोलकाता नगर निगम का मेयर है। एक अयोग्य व्यक्ति, उन्हें तुरंत पद त्याग करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में कोलकाता के निवर्तमान मेयर और वर्तमान प्रशासक फिरहाद हकीम पांच लाख रुपये घूस लेते नजर आए थे और एक फर्जी कंपनी के सीईओ को मदद का आश्वासन दिया था। बाद में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें कोलकाता का मेयर बना दिया था।
गत बुधवार को जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें कोलकाता नगर निगम के कर्मचारी ही शवों को गर्दन में हूक फंसाकर जानवरों की तरह घसीटते नजर आए थे। इस बारे में जब कोलकाता नगर निगम के प्रशासक फिरहाद से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही कोई वीडियो देखा है। हालांकि बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो उन्होंने इसकी जांच का आश्वासन दिया है।