लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि लाॅकडाउन हो या अनलाॅक भाजपा राज में अपराधियों को खुली छूट मिली है। पुलिस कानून व्यवस्था सम्भालने के बजाय जब आज के संकटकाल में भी प्रदेश के सत्ताधारियों के इशारे पर विपक्षियों को झूठे केसों में फंसाने में व्यस्त है तो अपराधियों के हौसले बुलन्द होंगे ही। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के चलते हर ओर अव्यवस्था और अराजकता है चाहे वह कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में लारवाही हो या फिर गरीबों, मजबूर श्रमिकों तथा सामान्य जन की सुरक्षा की बात हो।
सपा अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा कि प्रदेश में खूनी खेल चरम पर है और पुलिस तथा प्रशासन मौन धारण किए हुए है। कमिश्नरी व्यवस्था शुरू होने का भी कोई फायदा नहीं है। समाजवादी सरकार ने अपराध नियंत्रण की जो आधुनिकतम व्यवस्थाएं की थी उसे भाजपा सरकार ने ध्वस्त कर दिया। पुलिस का आधुनिकीकरण रोक दिया। प्रशासनिक शिथिलता और लापरवाही के कारण उत्तर प्रदेश इस स्थिति को प्राप्त हो गया है जहां चारों तरफ घोर अंधेरा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित विभिन्न समितियों के प्रमुखों को लेकर तंज कसते हुए कहा कि लोकतंत्र में सरकारें संविधान के अनुसार काम करती हैं। लेकिन, टीम-इलेवन ने सरकार का कार्यभार संभाल लिया तभी यह दुर्दशा है।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा राज में सबसे ज्यादा बदहाली किसानों की हुई है। क्रय केन्द्रों का पता नहीं है। किसान अपने ट्रैक्टर ट्रालियां लिये खड़े हैं। न तो उनका गेहूं बिक रहा है और नही चीनी मिले उनका गन्ना ले रही हैं। बकाया तो मिलना ही नहीं है। भाजपा सरकार में किसानों की बिचैलियों द्वारा पूरी लूट मार की गई। सब्जी बोने वाले किसानों ने अपनी फसले नष्ट कर दी है। मटर-चना उत्पादक किसानों को उत्पादन लागत भी नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि कर्ज में डूबे किसानों को राहत देने के बजाय भाजपा सरकार बैंकों और मिल मालिकों की मदद कर रही है, जबकि किसानों के ऊपर जो भी कर्ज है उसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए। सरकार से राहत न मिलने से किसान आत्महत्या करने को विवश है। अन्नदाता का जितना अपमान भाजपा सरकार में हुआ कभी भी ऐसा नहीं हुआ।