लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अघोषित विद्युत कटौती से इन दिनों उपभोक्ता परेशान है, विद्युत कटौती का कोई समय निर्धारित नहीं है। कभी सुबह, कभी शाम और कभी कभी देर रात विद्युत कटौती हो रही है। वही सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा लोगों से सहयोग मांग रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था थोड़ी चरमरा गई है और यही कारण है प्रदेश के विभिन्न जिलों में अघोषित विद्युत कटौती देखी जा रही है। इधर एक सप्ताह में अलग-अलग जिलों से इसी प्रकार की सूचनाएं निकल कर सामने आई हैं। इटावा में विद्युत कटौती से परेशान प्रशांत तिवारी ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है तो सीतापुर के अंकित पांडे ने अपने क्षेत्र नई बस्ती में विद्युत कटौती से परेशान होकर स्थानीय अभियंताओं से संपर्क किया है।
गाजीपुर जिले के खानपुर, रामपुर, अनौनी, सोना फीडर पर विद्युत व्यवस्था चरमराने से अघोषित विद्युत कटौती हो रही है। लखीमपुर जिले के विद्युत वितरण द्वितीय खंड गोला गोकर्णनाथ से जुड़े हैदराबाद उपकेंद्र पर भी कुछ ऐसा ही हाल है, वहां भी अघोषित बिजली कटौती हो रही है। मथुरा में आनंद वन के फेस वन और टू पर वोल्टेज ही नहीं आ रहा है तो वहीं आगरा में ग्रामीण क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती से परेशान पूर्व विधायक धर्मपाल दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कार्यालय में जाकर अधिकारियों से मिलकर जनता और किसानों की समस्या बता रहे हैं।
कौशांबी जिले के सिराथू कमालपुर उपकेंद्र में 10 एमबी का ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है तो वही गोरखपुर में सबसे स्टेशन सेवई बाजार के बरुआ पावर हाउस से अघोषित विद्युत कटौती लगातार जारी है।
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से और भी अघोषित विद्युत कटौती की सूचनाएं हैं। वहीं यह भी जानकारी मिल रही है कि विद्युत विभाग की टीमें दिनरात लगकर जनता की समस्याओं को दूर करने में अपना समय दे रही है। बावजूद अघोषित विद्युत कटौती को रोकने में टीमों को भी कठिनाई हो रही है।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा जनता के लिए हर सम्भव प्रयास करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने पिछले दिनों जनता से अपील करते हुए कहा कि ऊर्जा विभाग निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए संकल्पबद्ध है। यह सभी के सहयोग से ही संभव है। उपभोक्ता खुद रीडिंग आधारित बिल जनरेट कर सकते हैं व डिजिटल पेमेंट भी कर सकते हैं। संकटकाल में उपभोक्ताओं के भरोसे पर हम सभी समस्याओं से निजात पा लेंगे।
उन्होंने कहा कि यूपी में 10700 एमडब्लू सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को दिसंबर 2021 तक पूरा करने के लिए नेडा को परियोजनाओं की गति बढ़ाने के आदेश दिए। हम आत्मनिर्भर भारत निर्माण की दिशा में गांवों में सौर ऊर्जा व सिंचाई के लिए कुसुम योजना पर फोकस कर रहे है। भविष्य में सभी सरकारी इमारतों, स्कूलों, अस्पतालों व नगर निगमों में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करें।