वाराणसी। राजस्थान में पुजारी को जिंदा जलाने की घटना से देशभर में गुस्सा है। वाराणसी में भी इसका असर देखने काे मिला। यहां निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर और कैलाश मठ के प्रमुख स्वामी आशुतोषानंद गिरी के नेतृत्व में साधु-संतों ने घटना की निंदा की। नारेबाजी करते हुए दोषियों को फांसी देने की मांग की गई।
आशुतोषा नंद गिरी ने कहा कि पहले महाराष्ट्र के पालघर की घटना को देखिए- दो साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। अब राजस्थान में पुजारी को पीटकर जिंदा जला दिया गया। केंद्र की सरकार खामोश क्यों है। यह निंदनीय है कि साधु-संतों को सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतरना पड़े। हमारी मांग है कि दोषियों को तत्काल फांसी दी जाए।
काशी का संत समाज पुजारी के परिवार के साथ
संतों ने कहा कि दुनिया में धर्म की रक्षा और आगे बढ़ाने वालों को षड्यंत्र के तहत मारा जा रहा है। पुजारी और साधु हिंदू धर्म को आगे ले जाने, प्रचार-प्रसार का कार्य करते हैं। कल को हर पुजारी के दिल में दहशत होगी। सरकार को इसको लेकर कोई नीति बनानी चाहिए। काशी का संत समाज पीड़ित परिवार के साथ है।
यह है मामला
राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा इलाके के बूकना गांव में दबंगों ने पुजारी बाबूलाल वैष्णव की जलाकर हत्या कर दी थी। शव शुक्रवार देर रात जयपुर से उनके गांव लाया गया। इसके बाद परिवार ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। परिवार ने 50 लाख रुपए का मुआवजे और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग रखी थी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने परिवार को 10 लाख मुआवजे और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिवार अंतिम संस्कार को तैयार हुआ। आरोपियों की मदद करने वाले पटवारी और एसएचओ को भी निलंबित कर दिया गया है। इस मांग को लेकर गांव में विरोध और प्रदर्शन भी किया गया था।