वाराणसी । उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और सैन्य खुफिया विभाग (मिल्रिटी इंटेलीजेंस) ने एक संयुक्त कार्रवाई में नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से पैसे ऐंठने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। सरकारी संस्थानों में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले इस गिरोह के मुखिया और 3 सदस्यों को वाराणसी के सारनाथ से गिरफ्तार किया गया है।
मिल्रिटी इंटेलीजेंस से मिले इनपुट पर कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर अनिल सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ की टीम ने रामानुज भारद्वाज, अजय कुमार गौतम, अनिल भारती और विश्वेश मिश्रा को सारनाथ के सुंदरपुर इलाके के मैटिक्स कंप्यूटर सेंटर से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने बताया कि इन लोगों के कब्जे से लैपटॉप, मोबाइल फोन, चेकबुक के अलावा 6,000 रुपये, रेलवे और सचिवालय के 8 फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच के बाद इनके खिलाफ आईपीसी और आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और अब उन्हें सारनाथ पुलिस को सौंप दिया गया है।
एसटीएफ ने कहा है कि मिल्रिटी इंटेलीजेंस को पता चला था कि ये गिरोह सरकारी नौकरी की तलाश करने वाले युवाओं से लाखों रुपये ऐंठती थी। ये लोग इन युवाओं को रेलवे, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, लखनऊ सचिवालय और अन्य सरकारी संस्थानों में नौकरियों के ऑफर देते थे।
अधिकारियों ने बताया कि 2017 से फर्जी नौकरियों के नाम पर ठगी कर रहे इस गिरोह ने आरएसी 3 डॉट ओआरजी डॉट इन और सचिवालय डॉट ओआरजी नाम से फर्जी वेबसाइट भी बनाई हुईं थीं। अब तक ये 60 से ज्यादा युवाओं को ठग चुके थे।