नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन की मार से परेशान देशवासियों को राहत पहुंचाने के क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के ऐलान के बाद भी कांग्रेस लगातार केंद्र के प्रति हमलावर है। प्रमुख विपक्षी पार्टी के कुछ नेता जहां इस पैकेज की घोषणा देर से किए जाने को लेकर सरकार को घेरने में लगे हैं, वहीं कुछ नेता पैकेज की राशि की उपलब्धता को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार के पास वास्तविक पैकेज तो सिर्फ चार लाख करोड़ का ही है तो फिर शेष राशि का आधार क्या है।
कपिल सिब्बल ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ का वित्तीय पैकेज की घोषणा की, जबकि एक्सपर्ट कहते हैं कि सरकार के पास नकदी प्रवाह केवल चार लाख करोड़ का ही है। उस पर आरबीआई ने आठ लाख करोड़ का नकदी प्रवाह मार्केट में डाला है। सरकार के पास 5 लाख करोड़ का अतिरिक्त कर्ज भी है। एक लाख करोड़ गारंटी फीस है। ऐसे में वास्तविक वित्तीय पैकेज तो सिर्फ चार लाख करोड़ का ही रहा।’
अधीररंजन चौधरी ने राहत पैकेज का ऐलान देर से करने की बात कही। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘क्या मैं अपने देश की अंतरात्मा रखने वालों से पूछ सकता हूं कि यह देश की एक बड़ी विफलता नहीं है कि हम अपने नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने में विफल रहे हैं, जो 50 दिनों के तालाबंदी के बाद भी अपने मूल स्थानों पर नहीं लौट सके हैं।’
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा ऐलान किए गए वित्तीय राहत पैकेज में चार क्षेत्रों को विशेष तौर पर राहत मिलनी चाहिए। इसमें श्रमिकों के लिए मजदूरी समर्थन, एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी, गरीब परिवारों को नकद हस्तांतरण तथा तनावग्रस्त क्षेत्रों के लिए सहायता का समावेश होना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पैकेज के विवरण का इंतजार है।