उज्जैन। उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या करने के मामले में गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार सुबह मंदिर की सुरक्षा कंपनी ने संदिग्ध जानकर पकड़ा और पुलिस को सूचना दी। मौके पर मौजूद चश्मदीद ने बताया कि विकास करीब सवा 7 बजे मंदिर परिसर में पहुंचा था। यहां करीब दो घंटे तक घूमता रहा। इस दौरान उसने दर्शन के लिए वीआईपी रसीद कटवाई, फिर जूता स्टैंड पर बैग रखने के लिए पूछने लगा।
बताया जा रहा है कि मंदिर के बाहर एक दुकान वाले ने विकास को पहचान लिया था। इस संबंध में उसने सुरक्षाकर्मियों को भी जानकारी दी। ऐसे में पूरे समय सुरक्षाकर्मी उस पर नजर बनाए हुए थे। जब विकास को पकड़कर पूछताछ की गई तो वह हाथापाई करने लगा। इसमें उसका गमछा भी गिर गया। सूत्रों के अनुसार, विकास के अलावा पुलिस ने लखनऊ के दो लोगों को पकड़ा है। कहा जा रहा है कि वे वकील हैं और विकास को यहां सरेंडर करवाने लेकर आए थे।
बोला- जूता स्टैंड पर बैग रख दूं क्या
चश्मदीद गोपाल सिंह के मुताबिक, ‘‘मैं प्रसाद वितरण करने के लिए बैठा था। विकास वहां पर पहुंचा और कहा कि बैग कहां रखूं, जूता स्टैंड पर रख सकता हूं क्या। इस पर मैंने कहा- यहीं पर रख दीजिए। इसके बाद वह मंदिर में अंदर चला गया। सुरक्षाकर्मियों को उस पर शक था, इसलिए वे उस पर नजर रखे हुए थे।
उन्हें लग रहा था कि यह विकास दुबे हो सकता है। जब वह दर्शन कर बाहर निकला तो उसे पूछताछ के लिए बैठा लिया गया। इसके बाद चौकी से पुलिस को बुलाया गया। उन्होंने पूछताछ की तो उसने भागने की कोशिश की। इसके बाद उसे फिर से पकड़कर बैठा लिया। विकास के पास वीआईपी रसीद थी। उसे चौकी पकड़कर लाए तो वह खुद को विकास दुबे बताने लगा।
करीब दो घंटे तक उसके पीछे घूमते रहे
सुरक्षा गार्ड लखन ने बताया कि हमने मीडिया में विकास दुबे का फोटो देखा था। उसे देखकर लगा कि महाकाल के दर्शन करने आया है। हमने उसे जाने से रोका। इसके बाद सुपरवाइजर और पुलिस अधिकारी को जानकारी दी। वह मंदिर में करीब 7 बजे पहुंच गया था। पीछे वाले गेट से बाबा के दर्शन की कोशिश कर रहा था। शक होने पर हमने करीब 2 घंटे तक उसकी निगरानी की। इस दौरान सीसीटीवी से भी उसे वाॅच करते रहे। वे दो-तीन लोग थे। हमने उसे अकेले ही पकड़ा।
शहडोल से उज्जैन पहुंचने की आशंका
विकास के शहडोल के बुढ़ार कस्बे से उज्जैन आने की आशंका जताई जा रही है। मंगलवार को यूपी एसटीएफ ने शहडोल से उसके साले ज्ञानेद्र और भतीजे आदर्श को उठाया था। विकास का साला मंगलवार से पहले तीन दिन तक कहीं गया था। वह कहां गया था, इसकी जानकारी पुलिस को नहीं लग पाई है। ऐसा माना जा रहा है कि विकास फरार होकर कानपुर से शहडोल पहुंचा। इसके बाद पुलिस की कार्रवाई से डरकर वह शहडोल और उज्जैन पहुंचा।