कानपुर। बिकरू हत्याकांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की शुक्रवार सुबह कानपुर एसटीएफ के साथ एनकाउंटर में मौत हो गई। एनकाउंटर कानपुर से महज 17 किलोमीटर दूर भौती नाम की जगह पर हुआ। कानपुर में यह एनकाउंटर सुबह 6.15 और 6.30 के बीच हुआ। 2 और 3 जुलाई की रात बिकरू गांव में विकास और उसके गैंग ने पुलिस पर हमला किया था। इसमें 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।
बारिश की वजह से पलटी गाड़ी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाड़ी में ड्राइवर के अलावा तीन एसटीएफ के जवान थे। घटना के वक्त कानपुर में भौती इलाके में बारिश हो रही थी। बारिश हल्की थी। लिहाजा, संकरी सड़क पर कीचड़ की वजह से तेज रफ्तार गाड़ी पलटी। विकास पिछली सीट पर बीच में बैठा था। उसके दोनों तरफ एसटीएफ के जवान थे। गाड़ी पलटी तो विकास ने भागने की कोशिश की। एक पुलिसकर्मी की 9 एमएम की पिस्टल लेकर भागा। पलटकर गोली चलाई। एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में एक गोली उसकी कमर और दूसरी सीने में लगी।
चार पुलिसकर्मी भी घायल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसटीएफ के 4 जवान भी इस घटना में घायल हुए हैं। इनमें से दो गाड़ी पलटने से जबकि दो अन्य विकास की तरफ से की गई फायरिंग में जख्मी हुए हैं। बताया जाता है कि विकास दुबे हैलट हॉस्पिटल पहुंचने के पहले जिंदा था। हालांकि, उसकी हालत बेहद गंभीर थी। कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया। घटना के वक्त विकास वही नीली धारी वाली फुल टी-शर्ट और लोअर पहने था, जो उसने गुरुवार को उज्जैन में गिरफ्तारी के वक्त पहने नजर आया था।
22 मिनट बाद मौत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विकास को एनकाउंटर के बाद सीधे एक गाड़ी से अस्पताल ले जाया गया। यह गाड़ी एसटीएफ के काफिले में शामिल थी। इसी गाड़ी में एसटीएफ के दो घायल जवान भी थे।हॉस्पिटल पहुंचने के 20 से 22 मिनट बाद ही विकास की मौत हो गई। हालांकि, इसकी पुष्टि काफी देर बाद की गई। जानकारी के मुताबिक, घायल हुए चार एसटीएफ जवानों को फौरन आईसीयू में एडमिट कराया गया।