विधानसभा में नहीं पेश हुए विधेयक, विधान परिषद ने सपा ने किया हंगामा

17वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुक्रवार 11 बजे शुरू हुई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने देवरिया के विधायक जन्मेजय सिंह के निधन पर शोक संदेश पढ़ा। इसके बाद दो मिनट का मौन रखकर सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण ने सदन की कार्यवाही शनिवार तक के लिए स्थगित कर दी। शनिवार को अवकाश नहीं होगा। आज का एजेंडा शनिवार को सदन में लागू होगा।

सदन में मौन धारण कर खड़े विधायक।
सदन में मौन धारण कर खड़े विधायक।

अब कल पेश हो सकता है विधेयक

योगी सरकार आज सदन के पटल पर 17 विधेयकों को पेश कर सकती थी। जिनमें लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश, गो-हत्या रोकथाम (संशोधन) अध्यादेश और सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी नियंत्रण अध्यादेश प्रमुख हैं। लेकिन गुरुवार रात देवरिया सदर सीट से भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह का हार्ट अटैक से लखनऊ में निधन हो गया। अब माना जा रहा है कि शनिवार को सत्र के अंतिम दिन योगी सरकार अध्यादेश पेश कर सकती है।

विधान परिषद में सपा ने किया हंगामा

वहीं, विधान परिषद में प्रश्नकाल शुरू होते ही सपा के नरेश चंद्र उत्तम ने प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था, बाढ़ की बिगड़ती स्थिति और कोरोना संक्रमण के बेकाबू होते हालात पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराने की मांग की। इसी बीच सपा के सदस्यों ने सभापति के आसन के सामने आकर सरकार के विरोध में नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। सभापति रमेश यादव के समझाने पर भी सपा सदस्य शांत नहीं हुए और नारेबाजी जारी रही। इस पर सभापति ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही स्थगित होने की घोषणा की।
विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही स्थगित होने की घोषणा की।

पहले दिन क्या हुआ था?

मानसून सत्र गुरुवार को 11 बजे से शुरू हुआ। पहले दिन मृत सदस्यों, गलवानी घाटी में शहीद जवानों व दिवंगत कोरोना वॉरियर्स के निधन पर शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही आज तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। इस दौरान 60 साल से अधिक उम्र के विधायकों को सत्र में वर्चुअल तरीके से जोड़ा गया। सिर्फ 60 साल से कम उम्र के विधायकों को ही सदन में मास्क और ग्लब्स के साथ प्रवेश दिया गया। सदन में भी एक सीट छोड़कर विधायक बैठे थे। इस दौरान सपा विधायक व एमएलसी ने विधानसभा के भीतर और बाहर योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

सदन में अध्यादेश को क्यों पेश किया जाता है?

जब सरकार कोई कानून बनाती है तो उस पर चर्चा व आम सहमति आवश्यक है। यह संवैधानिक बाध्यता है। इसके तहत अध्यादेशों को विधानमंडल की मंजूरी मिलना आवश्यक है। विधेयक पास होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी ली जाती है। इसके बाद इसका गजट प्रकाशित होता है कानून को अमल में लाया जाता है।

विधानमंडल में यह विधेयक कराए जाएंगे मंजूर

  • उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल सदस्यों की उपलब्धियों और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश कारखाना विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास (संशोधन) विधेयक 2020
  • कारागार अधिनियम 1894 में (संशोधन) विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर संशोधन विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन भत्ता, और प्रकीर्ण उपबंध (संशोधन) विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थाई छूट (संशोधन) विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2020
  • कारागार उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2020
  • उत्तर प्रदेश गन्ना पूर्ति तथा खरीद विनियमन अध्यादेश

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here