लखनऊ। यूपी विधानमंडल के दोनों सदनों की सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारीऔर किसान बिल को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहा है। महंगाई और बेरोजगारी का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी के विधायक बैलगाड़ी से विधानसभा पहुंचे। काफिले की शक्ल में विधानसभा पहुंचे सपा विधायकों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। सपा विधायक एक हाथ में राष्ट्रध्वज और एक हाथ में समाजवादी पार्टी का झंडा लिए बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी का विरोध कर रहे थे।
वहीं कांग्रेस यूपी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू रिक्शे से विधानसभा पहुंचकर विरोध जताया। लल्लू ने कहा कि सदन के अंदर और बाहर हम संघर्ष करेंगे।
आपको बता दें कि सत्र आज से शुरू होकर 24 अगस्त तक होंगी। बजट 20 अगस्त को पेश होगा। विधानसभा अध्यक्ष ने इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी। 17 अगस्त को निधन के निर्देश लिए जाएंगे। 18 अगस्त को औपचारिक कार्य, अध्यादेश और विधेयक पेश होंगे। 19 अगस्त गुरुवार को मोहर्रम का अवकाश रहेगा और 20 अगस्त को अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।
21 व 22 अगस्त को शनिवार व रविवार होने के कारण अवकाश रहेगा। सोमवार 23 अगस्त को विधायी कार्य होंगे। 24 अगस्त को बजट पर चर्चा के बाद बजट पास किया जाएगा। इसी तरह विधान परिषद में भी कार्यवाही चलेगी। इस दौरान उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन (द्वितीय)अध्यादेश-2021, उप्र निजी विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश, उप्र प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश और उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक पेश होंगे।
कांग्रेस एमएलसी ने बताया कि इस बार विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी जनहित के मुद्दों को उठाएगी और सरकार से तीखे सवाल करेगी। सदन में सरकार को इनका जवाब भी देना होगा। संसद से लेकर सड़क तक ऐसे मुद्दे जो आम लोगों को परेशान कर रहे हैं। उसकी जवाबदेही सरकार की है और उन्हें जरूर इसका जवाब देना चाहिए। महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था पर कांग्रेस पार्टी अभी तक सदन के बाहर से सवाल उठा रही थी, अब विधानसभा सत्र में यही सवाल बीजेपी से सदन के अंदर पूछा जाएगा।
दीपक सिंह ने कहा कि भाजपा को अपना संकल्प पत्र भी याद नहीं है। खोखले दावे मुख्यमंत्री द्वारा लगातार किए जा रहे हैं। उम्मीद करता हूं कि कांग्रेस के सवालों का जवाब इस बार जरूर सरकार देगी। बता दें कि विधानसभा सत्र 17 अगस्त से शुरू हो रहा है, जिसके लिए सरकार विपक्ष सभी अपनी तैयारियों को मजबूत कर रहे हैं। इसके साथ-साथ यूपी विधानसभा के बाहर सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं।