– न्यूज 7 एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संगीन वारदातों को सिलसिला बादस्तूर जारी है। अपराधियों के दिल से पुलिस का डर मानो तो निकल चुका है। अब पुलिस उलटा अपराधी से डरती है कि कहीं कोई बदमाश बड़ी वारदात को अंजाम न दे दे जो कि उसके लिए सिर दर्द साबित हो जाये। बीते साल हसनगंज, विकासनगर, गोमतीनगर व हजरतगंज हुई घटना का मामला हो या फिर 24 घंटे के भीतर ठाकुरगंज में मासूम बच्ची व चौक में अमित तथा सोमवार को विभूतिखंड में बिहारी गैस एजेंसी के कैशियर श्याम सिंह की गोली मारकर हत्या। सिलसिलेवार हुई इन दुस्साहसिक वारदात से एक बार फिर सबके जेहन में यह सवाल उठने लगा है कि आखिर पुलिस क्या कर रही है। इससे यही लग रहा है कि पुलिस के लिए भी बेखौफ अपराधियों का यह साहस खतरे की घंटी है।
सोमवार को करीब साढ़े दस बजे दिन में भीड़भाड़ वाले इलाके में कैशियर श्याम की हुई हत्या खाकी के लिए पिछली घटनाओं की तरह एक बार फिर खुली चुनौती है। दरअसल इस सनसनीखेज वारदात में बाइक सवार बदमाशों ने जो आधे मिनट में दुस्साहस दिखाया, तो इससे यही लग रहा है कि यह किसी न किसी पेशवर अपराधी के निशानेबाज शूटर हैं जो पलक झपते ही घटना को अंजाम देकर फुर्र हो गये। इनके खतरनाक दुस्साहस ने पुलिस सक्रियता पर सवाल खड़े कर दिये हैं और लोगों की जुबान पर चर्चा का विषय भी बन गया कि क्या हकीकत में पुलिस द्वारा किये जा रहे गुडवर्कों में छेद रहता है? क्या पुलिस चोर-उचक्कों पर लगाम कसने में माहिर है? यह सवाल फिलहाल हर किसी को बेचैन कर रहा है। कानून के जानकार कहते हैं कि अगर पुलिस चौराहों एवं भीड़भाड़ इलाकों में तैनात रहती तो अपराधियों के हौसले इतने बुलंद नहीं होते। विभूतिखंड के उर्दू एकेडमी के पास सरेराह हुई वारदात इसका उदाहरण है।
खुनी लुटेरों का नहीं लगा सुराग
विभूतिखंड के उर्दू एकेडमी व बैंक ऑफ इंडिया के सामने सोमवार को दिनदहाड़े बिहारी गैस एजेंसी के 45 वर्षीय कैशियर श्याम सिंह की गोली मारकर हत्या तथा दस लाख की लूट करने वाले बदमाशों की तलाश में जुटी स्थानीय पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीमें 24 घंटे बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी हैं। पुलिस क्षेत्रीय व जिलों के अपराधियों की कुंडली खंगाली, लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा। सूत्र बताते हैं कि खूनी लुटेरों को लेकर पुलिस की नजरे जिलों के बदमाशों के अलावा इलाकाई अपराधियों पर टिकी हैं। पुलिस उन अपराधियों के बारे में छानबीन कर रही है, जिन्हें हाल में ही सलाखों के पीछे भेजा गया है। यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस ने आसपास की जनपदों की पुलिस से भी कातिलों तक पहुंचने के लिए इनपुट मांगा है। वहीं सीसीटीवी से मिले फुटेज के आधार पर एसपी टीजी एसपी नार्थ सर्विलांस सेल की टीमें खूनी लुटेरों की तलाश में जुटी हैं। एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक सरगर्मी से पुलिस टीम हत्यारों की तलाश में जुटी हुई है और जल्द ही सफलता मिलने की उम्मीद है।
24 घंटे में गिरफ्तारी का करने का अल्टीमेंटम
बिहारी गैस एजेंसी के कैशियर श्याम सिंह हत्याकांड के मामले में मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने मंगलवार को मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा मुख्यमंत्री की नाराजगी देख डीजीपी ओपी सिंह ने 24 घण्टे के भीतर कातिलों को गिरफ्तार करने का अल्टीमेंटम दिया है। डीजीपी ने दो टूक कहा कि लापरवाही मिलने पर अफसर और उनके मातहत की खैर नहीं होगी। फिलहाल मुख्यमंत्री और डीजीपी का कड़ा रुख की भनक लगते ही पुलिस टीम सक्रिय हो गई है।
गैस एजेंसी के पूर्व कर्मियों को किया चिंहित
एसएसपी कलानिधी नैथानी का कहना है कि 12 टीमें एसपी क्राइम और एसपी उत्तरी के नेतृत्व में काम कर रही हैं। इन टीमों ने राजधानी में लूट और हत्या करने वाले करीब 25 बदमाशों का ब्योरा जुटाया है, जिनकी वह तलाश कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही जेल से जमानत पर छूटे शातिर अपराधियों का पता लगाया जा रहा है। इसके साथ ही पुलिस की कुछ टीमें बाराबंकी, सीतापुर, उन्नाव, कानपुर समेत अन्य जनपदों में लूट और हत्या करने वाले बदमाशों का पता लगाने में जुटी हैं। वहीं गैस एजेंसी में काम करने वाले पूर्व कर्मचारियों को चिन्हित कर उनसे पूछताछ कर सुराग जुटाने में लगी है। सूत्रों की माने तो हत्याकाण्ड की साजिश एक करीबी ने रची है, जिसे पता था कि कैशियर के पास 10 लाख रुपये हैं। हालांकि एसएसपी का दावा है कि जल्द ही फरार बदमाशों को दबोच लिया जायेगा।
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चिन्हित कर रही पुलिस
वारदात के बाद भाग रहे बदमाश सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गये। फुटेज के आधार पर पुलिस खूनी लुटेरों की तलाश में जुटी है। इसके साथ ही बदमाशों की फोटो और सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल कर पब्लिक से उनकी शिनाख्त करने की अपील की है। एसएसपी का कहना है कि अपराधियों की सटीक सूचना देने वाले को 50 हजार रुपये का इनाम दिया जायेगा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि बाइक के नंबर के आधार पर पुलिस बदमाशों की तलाश में जुटी है। हालांकि पुलिस अधिकारी जल्द खुलासे का दावा कर रहे हैं।
बैंक चेकिंग में लापरवाही करने पर हेड कांस्टेबल निलंबित
एसएसपी कलानिधी नैथानी अपराधियों पर नकेल कसने के लिए रोज नई योजनाएं बना रहे हैं, लेकिन उनके मातहत सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। राजभवन के पास हुई लूट और हत्या की घटना के बाद से बैंक की रूटीन चेकिंग शुरू की गयी थी लेकिन कुछ दिनों बाद पुलिस ने बैंकों की चेकिंग के नाम पर खानापूर्ति शुरू कर दी। इस कारण अपराधियों के हौसले बुलंद होने लगे। विभूतिखण्ड में कैशियर हत्याकाण्ड के बाद उस क्षेत्र के बैंक चेकिंग की जांच की गई तो उसमें पुलिस की घोर लापरवाही उजागर हुई। एसएसपी का कहना है कि बैंक चेकिंग के रजिस्टर चेक किये गये तो अक्टूबर माह में केवल 9 बार ही बैंक की चेकिंग की गयी थी और वह भी करीब साढ़े ग्यारह बजे के बाद। ऐसे में सीओ की आंख्या पर बीट चेकिंग चीता मोबाइल पर तैनात हेड कांस्टेबल विश्वनाथ को निलंबित कर दिया गया है।
खुलासा न हुआ तो आंदोलन की चेतावनी
गैस एजेंसी के कैशियर श्याम सिंह की सोमवार को विभूतिखंड में हुई हत्या के विरोध में मंगलवार को एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन यूपी सर्किल के अध्यक्ष डीपी सिंह और जिलाध्यक्ष अजय वाजपेयी की अगुआई में गैस संचालकों ने राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों गैस एजेंसियां बंद रखीं। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर हत्यारों को जल्द नहीं पकड़ा गया तो आंदोलन किया जाएगा।