विष्णु नागर का व्यंग्य: पीएम का डोनाल्ड ट्रंप के नाम खत

आदरणीय ट्रंप भैया

सर्वप्रथम भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सादर नमन

आप तक पहुंचे। आप अभी भूले नहीं होंगे कि आपकी जीत की घोषणा होने से पहले ही, आपको बधाई देनेवालों में आपका यह छोटा भाई,  नरेन्द्र मोदी-  भारत का प्रधानमंत्री- सबसे आगे था और हमेशा आगे रहेगा।

आप इस नान बायोलॉजिकल के एकमात्र सच्चे बड़े भाई हो। दुनिया में अगर मैंने किसी को मन से सच्चे भाई का दर्जा दिया है तो वह केवल आप और सिर्फ आप हो। मन तो हो रहा था कि तुरंत साढ़े आठ हजार करोड़ रुपए का हवाई जहाज लेकर केवल आधे घंटे के अंदर आपसे गले मिलने अमेरिका पहुंच जाता मगर खेद है कि अभी वह तकनालाजी नहीं आई वरना मैं फोन ‌से‌ बधाई देनेवालों में नहीं, आपसे मिलने आनेवालों में सबसे प्रथम  होता!

मैं अमेरिकी जनता के बहुमत का बहुत सम्मान करता हूं, जिसने आपके खिलाफ साबित हो चुके अपराधों, रंगरेलियों, पोर्न स्टार को गुपचुप धन देने, अमेरिकी संसद पर आपके समर्थकों द्वारा किए गए हमले और तोड़फोड़, दो-दो महाभियोगों आदि की परवाह नहीं की। आपने महिला विरोधी, नस्लवादी, असभ्य और अलोकतांत्रिक बातें चुनाव के दौरान कहीं, इससे आपका वोट बैंक कमजोर होने की बजाय और मजबूत हुआ, जैसा कि मेरे देश में भी मेरे साथ होता है।

आपकी इस जीत से मेरा मनोबल बहुत बढ़ा है। इस मामले में दुनिया में अकेला न होकर भी मैं पिछले चार साल से अकेला जैसा था। अब आप आ गए हैं। आपका-मेरे सच्चे बड़े भाई का- हाथ मेरे कंधे पर है तो फिर चिंता कैसी? आप और हम हजारों किलोमीटर दूर होकर भी मन, वचन और कर्म से एक जान हैं। भाई-भाई हैं।

आपके आप्रवासी विरोधी अभियान का मैं तहेदिल से समर्थन करता हूं। आपने बिलकुल ठीक उन्हें कचरा बताया है, देश के रक्त को जहरीला बनाने का दोषी बताया है। पता चला है कि आप लगभग सवा करोड़ आप्रवासियों को बाहर करने जा रहे हैं। फौरन यह पुण्य कार्य कीजिए। मैं अपने यहां अभी तक उन्हें  बांग्लादेशी, पाकिस्तानी बताकर धमकाने और तरह- तरह से परेशान करने से आगे नहीं बढ़ पाया हूं। आप कदम बढ़ाइए, फिर देखिए आपसे भी चार कदम आगे मैं और मेरी हिंदुत्व फौज बढ़कर दिखाती है। इसकी भूमिका तैयार है।

आपका अमेरिका को फिर से महान बनाने का रास्ता भी वही है, जो मेरा भारत को विश्व गुरु बनाने का है। आपका एजेंडा भी नफरत बढ़ाना है, मेरा भी। आप भी अपने राजनीतिक विरोधियों को अपना शत्रु मानते हो, मैं भी ऐसा ही मानकर बहुतों को जेल भिजवा चुका हूं। क्यों न हम संयुक्त सैन्य अभ्यास की तरह संयुक्त नफरत अभियान चलाएं?आपको यह आइडिया पसंद आए तो हम इस मामले में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ा सकते हैं।

पिछले 23 साल से ठीक आपकी तरह मैं भी मानवतावादी हूं। मानवता के नाते ही 2002 मैंने अपने राज्य में वह सब होने दिया था,जिस पर बीबीसी ने डाक्यूमेंट्री बना कर मुझे शर्मिंदा करने की कोशिश की थी मगर मुझे और आपको दुनिया की कोई ताकत शर्मिंदा नहीं कर सकती! इन दस सालों में भी मुझे शर्मिंदा करने का हर संभव प्रयास किए गए मगर मैंने गोदी मीडिया के सहारे एक-एक को ध्वस्त कर दिया।

सबसे पहले तो मैं क्षमा मांग लूं कि मैं सितंबर में अमेरिका आया और आपकी आशा के विपरीत आपसे मिल न सका। इस बार ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का नारा न दे सका। इस बार मेरे हाथ -पैर बंधे हुए थे। वैसे आप जानते हैं कि मन से मैं हमेशा आपके साथ था और हूं और रहूंगा। भारत में मेरी नीति है कि जहां अडानी खड़ा है, वहां मैं हूं। उसे जो चाहिए, वह सब मैं दूंगा। उसने प्रधानमंत्री बनाने में मेरा उसी तरह सहयोग किया था, जिस तरह इलेन मस्क ने आपका किया है।

आपका अडानी इलेन मस्क है। उसने आप पर एक हजार करोड़ डालर खर्च किए हैं तो आप भी उसकी कम से कम एक लाख करोड़ की आमदनी तो करवाओगे ही। मेरा भी यही प्रयास रहा है। आज मेरी वजह से अडानी कहां से कहां पहुंच गया है। उस पर जितने अधिक आरोप लगे, उतनी ही ज्यादा मैंने उसकी मदद की। आगे अगर उस पर और मुझ पर अधिक आरोप लगे तो उसकी और ज्यादा मदद करूंगा। यह मेरा एकमात्र संकल्प है। मुझसे मस्क भाई के लिए  भी जो सहयोग बन पड़ेगा, दूंगा। भाई का हितचिंतक, मेरा भी तो हितचिंतक हुआ!

आप जल्दी मुझे वहां बुलाइए। क्या मैं आपके शपथ ग्रहण समारोह में आ सकता हूं? दिली तमन्ना है कि अपने बड़े भाई को शपथ लेते समय अपनी आंखों से देख सकूं! बाकी जैसा आप चाहें। मुझे आप अपना लक्ष्मण समझो या भरत, मैं आपकी सेवा में हमेशा तत्पर रहूंगा। आपके माध्यम से अमेरिका की सेवा करना भी भारत की ही सेवा करना ही तो है! कृपा बनाए रखें।

 

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