व्हिप से बंधे होते हैं विधायक; अजित के लिए कैसे बन सकता है गले की फांस?

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन काफी अहम साबित होने वाला है। एनसीपी में बगावत के बाद बुधवार को शरद पवार और अजित पवार दोनों गुटों ने अपने-अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है।

शरद पवार की गुट के मुख्य सचेतक जितेंद्र आव्हाड ने अपने सभी विधायकों को इस बैठक में शामिल होने के लिए एक लाइन का व्हिप जारी किया है और उन सबको बैठक में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। वहीं, अजित पवार खेमे की तरफ से भी पार्टी विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसदों और कार्य समिति के सभी सदस्यों को बैठक में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इन बैठकों के बाद ही पता चल सकेगा कि दोनों गुटों में से किसके पास अधिक समर्थन है।

क्या होता है व्हिप (Whip)?

व्हिप (Whip) का अर्थ पार्टी में अनुशासन को बनाए रखना है। व्हिप किसी पार्टी द्वारा अपने विधायकों या सांसदों को जारी की जाती है। व्हिप जारी होने के बाद इसका उल्लंघन करने पर विधायक या सांसद की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। व्हिप जारी होने के बाद सदस्यों को इसका पालन करना अनिवार्य हो जाता है।

साधारण शब्दों में जब सदन में फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनती है, तो पार्टी अपने विधायकों या सांसदों को व्हिप जारी करती है। व्हिप जारी करने का उद्देश्य विधायकों या सांसदों को क्रॉस वोटिंग करने से रोकना होता है। व्हिप जारी करने का मकसद अपने सदस्यों को एकजुट करना होता है।

कौन जारी करता है व्हिप?

व्हिप जारी करने का अधिकार किसी भी राजनीतिक दल के एक अधिकारी के पास होता है, जिसे मुख्य सचेतक या मुख्य व्हिप अधिकारी कहा जाता है। मुख्य सचेतक का कार्य पार्टी में अनुशासन सुनिश्चित करना होता है। मुख्य सचेतक के पास यह अधिकार होता है कि वह पार्टी नेता को अपनी व्यक्तिगत विचारधारा के बदले पार्टी के नियमों या विचारधारा पालन करने के लिए निर्देश जारी कर सकता है।

कितने प्रकार के होते हैं व्हिप?

व्हिप तीन प्रकार के होते हैं, जिसे पार्टी के मुख्य सचेतक जारी करते हैं। यह एक प्रकार से लिखित आदेश होता है, जिसे मानना पार्टी के सभी सदस्यों का कर्तव्य होता है।

  • एक लाइन का व्हिप– एक लाइन का व्हिप का अर्थ अपनी पार्टी के सदस्यों को मतदान करने के लिए जानकारी देने के लिए किया जाता है। एक लाइन के व्हिप में सदस्यों के पास इसे पालन करने या न करने का अधिकार होता है।
  • दो लाइन का व्हिप– दो लाइन के व्हिप के तहत सदस्यों को वोटिंग के समय सदन में मौजूद रहने के लिए निर्देश दिया जाता है। इसका पालन करना सदस्यों के लिए अनिवार्य होता है।
  • तीन लाइन का व्हिप– तीन लाइन का व्हिप सबसे सख्त होता है। इzसे सबसे महत्वपूर्ण व्हिप माना जाता है। तीन लाइन का व्हिप महत्वपूर्ण परिस्थिति में ही जारी किया जाता है। इसका पालन नहीं करने पर सदस्यों के खिलाफ दल बदल रोधी कानून लागू हो सकता है और उसकी सदस्यता जा सकती है।

व्हिप का पालन नहीं करने पर क्या होता है?

पार्टी द्वारा व्हिप जारी होने के बाद जब कोई सदस्य इसका पालन नहीं करता है, तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। वहीं, अगर सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक व्हिप जारी करता है और पार्टी के सदस्य व्हिप के खिलाफ चला जाता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जा सकती है। ऐसी परिस्थिति में सदन की सदस्यता भी खतरे में पड़ सकती है।

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