मनमोहन मिश्र (उप संपादक सीक्रेट ऑफ वर्ड मीडिया)
लखनऊ। 21 दिन का लाॅकडाउन अभी खत्म भी नहीं हुआ है कि सरकार उसे बढ़ाना चाहती है ताकि लोग अपने-अपने घरों में बंद रहकर कोरोना जैसी घातक बीमारी से बच सके। इसीक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 जिलों में आज मध्य रात्रि 12 बजे से और सख्ती के आदेश दे दिये हैं जिसमें लखनऊ समेत पूरे प्रदेश के बड़े शहर शामिल हैं।
उधर प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ के कुछ इलाके हाॅर्टस्पाट किये जाने की सूचना पाते ही शहरवासी जोकि पिछले 15 दिनों से लाॅकडाउन का पालन कर रहे थे अचानक अपने-अपने घरों से निकल पड़े और खरीदारी में व्यस्त हो गये, उनको खरीदारी करते देख ऐसा लग रहा था जैसे ईद या दीपावली का त्योहार आ गया हो।
आपको बताते चलें कि प्रदेश सरकार कोरोना से लड़ने के लिये पूरी तरह से वचनबद्व है और इसीलिये उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं चाहते हैं वह स्वंय भी इसके लिये 18-18 घंटे काम कर रहे हैं और तमाम अधिकारियों और नौकरशाहों को निर्देश भी दिये जा रहे हैं कि किसी भी सूरत में कोरोना को हलके में न ले।
दूसरी तरफ प्रदेश की जनता जिसको कोरोना का कुछ खास खतरा नहीं है शायद, हां उसको अगर खतरा है तो भूख का, राशन न होने का, अपने बच्चों के लिये खाना जुटाने का। शायद इसीलिये बंद की सूचना पाते ही वह अपने आप को रोक नहीं पाये और लाॅकडाउन के बावजूद भीड़ लगाकर अपने-अपने रोजमर्रा के सामान को खरीदते दिखे।
वह यह भूल गये कि कोरोना जैसी बीमारी की वजह से पूरे भारत में लाॅकडाउन है और भीड़ लगाकर कोई भी कार्य नहीं करना है, हमे सोशल डिस्टेंस बनाकर रखना है, लेकिन अगर यही हाल रहा तो हो चुका सोशल डिस्टेंस। शहर की जनता ने लापरवाही के साथ काम लिया और प्रधानमंत्री के लाॅकडाउन के फैसले का दम निकाल दिया।
हम आशा ही कर सकते हैं कि इस गैर जिम्मेदारी की वजह से किसी प्रकार की कोई अनहोनी न हो।