शहर में BJP से आगे हैै SP, गांव में ही पिछड़ी, उलटफेर की क्या वजह

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल जहां इस बार बीजेपी को बहुमत दिलाते हुए दिख रहा है। वहीं एक ऐसा आंकड़ा भी सामने आया है जो चौंकाने वाला है। दरअसल, शहरी क्षेत्रों में मजबूत मानी जाने वाली बीजेपी इस बार सपा से पीछे दिख रही है। टाइम्स नाउ वीटो (Times Now Veto Exit Polls) के एग्जिट पोल के अनुसार, समाजवादी पार्टी ने शहरी क्षेत्रों में बीजेपी से ज्यादा वोट प्रतिशत हासिल किए हैं।  उत्तर प्रदेश के शहरी इलाकों में बीजेपी को 36. 8  प्रतिशत, सपा को 37 .9 प्रतिशत, बसपा को 2.1 प्रतिशत, कांग्रेस को 14 .8 और अन्य को 8. 3 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं।

वहीं अगर ग्रामीण क्षेत्रों की बात करने तो बीजेपी लोगों की फिर से पसंदीदा पार्टी बनकर उभरी है। टाइम्स नाउ वीटो के एग्जिट पोल के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में बीजेपी को 42.7 फीसदी, सपा को 34.8 प्रतिशत, बसपा को 14.2 प्रतिशत, कांग्रेस को 3.8 प्रतिशत व अन्य को 4.4 प्रतिशत वोट मिले हैं।

बीजेपी का क्यों कम हुआ शहरी क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत

भाजपा को हमेशा से शहरी क्षेत्रों में मजबूत माना जाता रहा है। ऐसा देखा जाता था कि बीजेपी को सबसे ज्यादा वोट शहर इलाके में मिलते थे लेकिन इस बार भाजपा को शहर में कम वोट मिले। इसकी वजह तलाशें तो राजनीतिक जानकार बताते हैं कि शहरी क्षेत्र में महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर ज्यादा वोटिंग हुई और विपक्ष  ने इन मुद्दों को मजबूती से उठाया। महंगाई और बेरोजगारी मुद्दे पर मोर्चा खोला जाना ही शहरी इलाकों में बीजेपी के पिछड़ने की वजह मानी जा रही है।

ग्रामीण इलाकों में बीजेपी ऐसे हुई मजूबत

ग्रामीण इलाकों में भाजपा के वोटिंग प्रतिशत बढ़ने के पीछे राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि छुट्टा जानवर जैसा मुद्दा गांवों में उतना प्रभावी नहीं बन पाया जितना कि राशन। राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि गांव में ज्यादातर पात्रों को उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान मिलना भाजपा के लिए खाद बन गया। यही वजह है इस बार बीजेपी ने ग्रामीण इलाके में ज्यादा वोट प्रतिशत हासिल किए।

योगी सरकार फिर से बहुमत पाती दिख रही 

टाइम्स नाउ वीटो के अनुसार, योगी सरकार फिर से बहुमत पाती दिख रही है। सर्वे के अनुसार, बीजेपी गठबंधन को 225 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। सपा गठबंधन 151 सीटों पर कब्जा कर सकती है तो बसपा 14 सीटों पर सिमट सकती है। कांग्रेस को 9 सीटों से संतोष करना पड़ेगा तो अन्य के खाते में 4 सीट जा सकती है।

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