शामली। उत्तर प्रदेश सरकार में गन्ना मंत्री सुरेश राणा का आरोप है कि उनके शामली जिले में 40 बूथों पर मतदान में गड़बड़ी हुई है। आरोप है कि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के लोगों ने मतदान स्थलों पर कब्जा करके फर्जी वोटिंग किया और गरीब-कमजोर लोगों को वोट नहीं डालने दिया।
मंत्री के चुनाव एजेंट रामपाल सिंह ने इन 40 बूथों पर पुन: जांच की मांग उठाई है। इस बीच रिटर्निंग ऑफिसर ने इस शिकायत पर जांच बैठा दी है। उधर, विपक्षी दलों का कहना है कि यह मंत्री सुरेश राणा की करारी हार की बौखलाहट है जो ऐसा आरोप लगा रहे हैं।
आरोप- सपा/रालोद के लोगों ने फर्जी मतदान किया
गन्ना मंत्री सुरेश राणा शामली जिले की थानाभवन विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं। उनके चुनाव अभिकर्ता रामपाल सिंह ने अपनी सीट के रिटर्निंग ऑफिसर को एक पत्र भेजा है। इसमें 40 बूथों की सूची दी गई है। शिकायत में रामपाल सिंह ने लिखा है कि 10 फरवरी को रालोद-सपा के दबंग लोगों ने अनेक मतदान स्थलों पर कब्जा करके वहां फर्जी मतदान किया। गरीब-कमजोर वर्ग के लोगों को डरा-धमकाकर मतदान नहीं करने दिया। उन्हें उनके मताधिकार से वंचित रखा।
मंत्री के चुनाव एजेंट का कहना है कि चुनाव वाले दिन उनके समर्थकों ने तमाम शिकायतें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निर्वाचन अधिकारियों से की। ऐसे में भारी सुरक्षा के बीच इन मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान कराने की मांग की गई है। शिकायत में जिन पोलिंग बूथों पर फर्जी मतदान की बात कही गई है, वहां 92 फीसदी तक पोलिंग हुआ है।
रिटर्निंग ऑफिसर ने मजिस्ट्रेटों से मांगी रिपोर्ट
थानाभवन विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर ने गन्ना मंत्री सुरेश राणा के चुनाव एजेंट रामपाल सिंह की शिकायत का संज्ञान लेते हुए एक पत्र थानाभवन सीओ, सभी जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट को लिखा है। इसमकें रिटर्निंग ऑफिसर ने शिकायत का हवाला देते हुए गहनतापूर्वक अवलोकन करने और तत्काल अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
फ्लैशबैक : 2012 में अशरफ ने सुरेश राणा को 216 वोटों से हराया था
शामली जिले की थानाभवन वीवीआईपी सीट इस बार हॉट सीट के रूप में जानी जा रही है। उसकी वजह है कि भाजपा से सूबे के गन्ना मंत्री सुरेश राणा मैदान में हैं। सपा-रालोद गठबंधन ने अशरफ अली को चुनाव मैदान में उतारा है। 2012 के विधानसभा चुनाव में सुरेश राणा से अशरफ अली महज 216 वोटों से हारे थे। यह स्थिति तब थी, जब सपा-रालोद ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था।
इस बार किसान आंदोलन से सियासी हवा बदली है और सपा-रालोद एक हैं। ऐसे में मंत्री के लिए अपनी सीट बनाए रखना चुनौती है। 2017 में इस सीट पर 65 फीसदी वोटिंग हुई। 2022 में यही वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 68.05 फीसदी हो गया। कई बूथों पर 92 फीसदी वोटिंग तक हुई है।
विपक्षी प्रत्याशी बोले- राणा रिकॉर्ड वोटों से हार रहे
मंत्री सुरेश राणा के सामने सपा-रालोद के सिंबल से ताल ठोक रहे प्रत्याशी अशरफ अली का कहना है कि यह सीधे भाजपा की हार की बौखलाहट है। भाजपा के मंत्री हैं और उन्हीं की सत्ता है। ऐसे में मतदान कोई विपक्षी पार्टी गड़बड़ी कर ही नहीं सकती। अशरफ अली का कहना है कि सुरेश राणा रिकॉर्ड वोटों से हार रहे हैं।