शाहजहांपुर। दो साल पहले सोशल मीडिया के सहारे एक आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जिसे नाम मिला था #MeToo। इसका इस्तेमाल कर महिलाओं ने अपने अतीत में हुए उत्पीड़न की कहानी दुनिया के सामने रखी थी। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में सामने आया है। यहां की एक महिला ने 26 साल बाद सदर कोतवाली में दो लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया है। जब पुलिस ने नहीं सुनी तो उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया था तब FIR लिखने के आदेश हुए थे।
पीड़िता ने अपने आरोपों की सत्यता साबित करने के लिए दुष्कर्म के बाद गर्भ से जन्मे बेटे की DNA जांच कराए जाने की मांग की है। फिलहाल पुलिस भी DNA कराने की बात कह रही है। बता दें कि दोनों आरोपी सगे भाई हैं।
शादी के छह साल बाद पति को लगी भनक तो उसने मुंह मोड़ा
जानकारी के मुताबिक, पीड़िता हरदोई की रहने वाली है। उसकी बड़ी बहन की शादी वन विभाग के कर्मचारी के साथ हुई थी। साल 1994 में पीड़िता महज 12 साल की थी। उसके बहनोई की शाहजहांपुर में पोस्टिंग थी। तब वह अपने बहन-बहनोई के साथ रहने लगी थी।
FIR के अनुसार पड़ोस का रहने वाला एक दबंग युवक उसे अकेला पाकर घर में घुस आया और उसके साथ जबरन दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। उसके कुछ दिन बाद आरोपी युवक के भाई ने भी दुष्कर्म किया और फिर दोनों अक्सर रेप करते रहे। मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी देते थे। साल 1995 में नाबालिग ने एक बेटे को जन्म दिया। बदनामी के डर से बच्चे को किसी परिचित को गोद दे दिया गया। उसके बाद पीड़िता की लखनऊ में शादी कर दी गई।
लेकिन शादी के 6 साल बाद पति को दुष्कर्म की घटना की भनक लग गई। जिसके बाद पति ने भी उसको छोड़ दिया। दुष्कर्म के बाद जन्मा बेटा पता पूछकर अपनी मां के पास पहुंचा और पिता का नाम पूछने लगा। लेकिन मां के पास कोई जवाब नहीं था। बेटे की उम्र करीब 25 साल है। आखिरकार उसने बेटे को न्याय दिलाने के लिए आरोपियों को सबक सिखाने निर्णय लिया। लेकिन अब उसका परिवार पूरी तरह से टूट चुका है। पीड़िता ने अपने साथ हुई ज्यादती को सच साबित करने के लिए DNA कराने की गुहार लगाई है।
जरूरत पड़ने पर कराया जाएगा टेस्ट
सदर बाजार इंस्पेक्टर अशोक पाल ने बताया कि घटना काफी पुरानी है। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर DNA भी कराया जाएगा। जल्द ही आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।