नई दिल्ली। सरकार पर खड़े हुए संकट के बीच शिवसेना ने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया। इस बीच एकनाथ शिंदे ने शिवसेना की इस व्हिप पर ही सवाल उठाते हुए पार्टी पर दावा ठोक दिया है। उन्होंने ट्ववीट कर एक तरह से पार्टी पर ही दावा किया है और व्हिप की वैधता पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने मराठी में ट्वीट करते हुए कहा, ‘शिवसेना विधायक भरत गोगावले को शिवसेना विधानमंडल का मुख्य प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है। इसकी वजह यह है कि सुनील प्रभु द्वारा विधायकों की आज की बैठक के संबंध में जारी आदेश कानूनी रूप से अमान्य है।’
बता दें कि भरत गोगावाले गुवाहाटी में ही हैं और एकनाथ शिंदे के करीबी नेता हैं। उनके इस ट्वीट से साफ है कि उन्होंने पार्टी के चीफ व्हिप की जिम्मेदारी भरत गोगावाले को दे दी है और उनकी ओर से नियुक्ति व्हिप ही वैध हैं क्योंकि ज्यादा विधायक उनके साथ हैं।
शिंदे के इस ट्वीट से साफ है कि अब वह आर-पार के मूड में हैं और पार्टी को ही दोफाड़ करते हुए बड़े गुट पर दावा ठोक रहे हैं। साफ है कि एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को करारा झटका दे दिया है और यदि वह तिहाई विधायक तोड़कर अलग हो जाते हैं तो वह खुद शिवसेना का नेता होने का दावा ठोक सकते हैं।
अब तक सरकार बचाने की ही कवायद में जुटी शिवसेना के लिए यह बड़ा झटका होगा। 5 दशक से ज्यादा पुरानी पार्टी में यह अब तक की सबसे बड़ी टूट होगी। इससे पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ था। छगन भुजबल, राज ठाकरे और नारायण राणे जैसे दिग्गज नेता भी शिवसेना को इतना बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा सके थे। इस बीच खबर है कि गुवाहाटी में 6 दिन पहले ही विधायकों के ठहरने के लिए होटल बुक किया गया था। गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे ने इससे पहले मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हमारे पास 46 विधायकों का समर्थन है। इनमें अकेले 37 से ज्यादा विधायक शिवसेना के ही हैं।