शिकागो। अपने कड़े हिन्दुत्ववादी रूख के लिए जाने जाने वाले आरएएस चीफ मोहन भागवत ने शिकागो में हुए एक प्रोग्राम में हिन्दू समाज में हो रहे बंटवारे पर चिंता जाहिर की है। उन्होने यहां तक यह भी कह दिया कि हिन्दू समाज एक होने का नाम नहीं ले रहा है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने हिन्दू समुदाय से एकजुट होकर मानव कल्याण के लिए काम करने की अपील की है। धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित विश्व हिंदू सम्मेलन में करीब 25000 लोगों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा है कि हिन्दू समाज में प्रतिभावान लोगों की संख्य सबसे ज्यादा है, लेकिन वे कभी साथ नहीं आते हैं। भागवत ने कहा कि हिन्दुओं का साथ आना अपने आप में मुश्किल है।
भागवत ने कहा, लेकिन वे कभी साथ नहीं आते हैं। हिन्दुओं का साथ आना अपने आप में मुश्किल है। उन्होंने कहा कि हिन्दू हजारों वर्षों से प्रताडि़त हो रहे हैं क्योंकि वो अपने मूल सिद्धांतों का पालन करना और आध्यात्मिकता को भूल गये हैं। सभी लोगों के साथ आने पर जोर देते हुए भागवत ने कहा, हमें साथ आना होगा। इस दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, शेर अकेला हो तो उसे जंगली कुत्ते भी घेरकर हरा सकते हैं, इसीलिए हिंदुओं का मिलकर काम करना जरूरी है। अमेरिका के शिकागो में हो रही विश्व हिंदू कांग्रेस में मोहन भागवत ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि हिंदू समाज कभी एक साथ नहीं आता।
वहीं दूसरी तरफ आरएसएस के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का ‘भविष्य का भारत: संघ की दृष्टि’ कार्यक्रम 17 से 19 सितंबर को विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ चीफ मोहन भागवत हिंदुत्व, संघ के कामकाज और समकालीन मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे अौर आमंत्रित सभी लोगों से संवाद करेंगे। सूत्रों ने बताया कि इस कार्यक्रम में संघ को लेकर बने तमाम मिथकों को तोड़ा जा सकेगा। जानकारी मुताबिक तीन दिवसीय इस कार्यक्रम के लिए संघ की ओर से देश भर की करीब 3 हजार हस्तियों को न्योता भेजा गया है। इन लोगों में राजनीतिक विचारधाराओं, सामाजिक और धार्मिक समूहों, अल्पसंख्यक नेताओं समेत रिटायर्ड नौकरशाह को निमंत्रित किया गया है। आमंत्रित लोगों में क्षेत्रीय दलों समेत सभी राजनीतिक दलों के लोग शामिल हैं।
इस सम्मेलन में विपक्षी पार्टियों का भी मेला दिखाई देने वाला है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी,मल्लिकार्जुन खड़गे, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं राजनैतिक दल तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी और आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू समेत तमाम क्षेत्रीय क्षत्रपों को भी आमंत्रित किया गया है। आरएसएस सूत्रों के मुताबिक कार्यक्रम में हर दिन 800 से 1000 लोगों तक की उपस्थिति होगी। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जिस तरह आरएसएस पर लगातार हमलावर रहे हैं उसको देखते हुए यह दिलचस्प हो गया है कि कांग्रेस आरएसएस के प्रोग्राम में शामिल होगी या नहीं।