शिमला। अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव शिमला के आठवें संस्करण का शुक्रवार को ऐतिहासिक और प्रसिद्ध गेयटी थिएटर में पूरे जोश के साथ शुभारंभ हुआ। हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव और पूर्व महानिदेश फिल्म प्रभाग वी.एस. कुंडू ने फिल्मोत्सव का उदघाटन किया। पहले दिन 31 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सिनेमा विभिन्न भाषाओं, समाजों और राष्ट्रों के बीच की खाई को पाटता है। यह दर्शकों को अंतर्दृष्टि देता है और दुनिया भर के विभिन्न लोगों के बारे में जानता है। अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह दर्शकों को सर्वश्रेष्ठ सिनेमा देखने के लिए एक मंच प्रदान करने में मदद करते हैं।
गेयटी थिएटर में तीन स्क्रीनों पर फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। समारोह की पहली फिल्म राहुल रावत द्वारा निर्देशित राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गढ़वाली फिल्म सनपत रही। यह फिल्म उत्तराखंड के भूतों के गांवों पर आधारित है, जो बेहतर अवसरों और नौकरियों के लिए लोगों के शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन के परिणामस्वरूप बेजान हो गए हैं। यह फिल्म विभिन्न सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को दर्शाती है, जो विस्थापन के कारण हुई हैं और चार हजार गांवों को मानव रहित बना दिया है।
फिल्मोत्सव के दौरान कैदियों के लिए मॉडल सेंट्रल जेल में भी फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। जेल की तीस महिला कैदियों सहित करीब डेढ़ सौ कैदी इस अवसर पर मौजूद थे। समारोह में शबाना आज़मी, दिव्या दत्ता और स्वरा भास्कर अभिनीत ट्रांसजेंडर मुद्दों पर आधारित शीर कोरमा फिल्म भी दिखाई गई। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक शंकर कुमार और फराह खातून ने भी समारोह में भाग लिया।
आयोजन समिति के निदेशक पुष्पराज ने बताया कि शिमला के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में कुल 86 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। तीन दिवसीय फिल्म महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय श्रेणी की 27 फिल्में, 34 भारतीय फिल्में, चार हिमाचली फिल्में और 15 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्में दिखाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि फिल्मोत्सव में 17 देशों कनाडा, अमेरिका, लेबनान, स्पेन, ईरान, ताइवान, ब्राजील, आइसलैंड, सिंगापुर, मैक्सिको, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, बेल्जियम, डेनमार्क, रूस की स्क्रीनिंग की जाएगी। इनमें वृत्तचित्र, एनीमेशन, फीचर और लघु फिल्में शामिल हैं।