मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी के बाद अब पार्टी (शिवसेना) पर घमासान तेज हो गया है। बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने सोमवार को अपने समर्थक विधायकों के साथ बैठक की, जिसमें पार्टी की पुरानी राष्ट्रीय कार्यकारिणी भंग कर दी गई।
शिंदे गुट ने इसके साथ ही नई कार्यकारिणी का ऐलान भी कर दिया। इसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना का नया नेता चुन लिया गया है। खास बात यह है कि शिवसेना ने पार्टी प्रमुख के पद को नहीं हटाया है। यानी उद्धव ठाकरे का पद जस का तस रखा गया है।
दीपक केसरकर को प्रवक्ता चुना गया
नई कार्यकारिणी में दीपक केसरकर को प्रवक्ता चुना गया है, जबकि रामदास कदम और आनंदराव अडसुल को नेता चुना गया है। यशवंत जाधव, गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, शरद पोंकशे, तानाजी सावंत, विजय नाहटा, शिवाजीराव अधराव पाटिल को उपनेता चुना गया है।
उद्धव गुट ने दो नेताओं को पार्टी से निकाला
इधर, पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उद्धव ठाकरे गुट ने वरिष्ठ नेता रामदास कदम और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल को शिवसेना से निकाल दिया है। शिवसेना सांसद विनायक राउत ने इसकी जानकारी दी। बता दें कि आज शिंदे गुट की हुई मीटिंग में दोनों नेता शामिल हुए थे जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।
बागी विधायकों की अयोग्यता पर 20 जुलाई को सुनवाई
महाराष्ट्र संकट पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की बेंच का गठन कर दिया है। यह पीठ 20 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की पीठ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे और एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
शिंदे गुट के साथ 40 बागी विधायक
एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानपरिषद के चुनाव नतीजों के बाद बगावत कर दी थी। वे शिवसेना के बागी विधायकों के साथ सूरत, फिर वहां से गुवाहाटी पहुंचे थे। शिवसेना में टूट के चलते उद्धव के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई। इसके बाद एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से राज्य के नए मुख्यमंत्री बने। वहीं, देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बनाए गए। एकनाथ शिंदे के खेमे में 50 विधायक हैं। इनमें शिवसेना के 40 और 10 निर्दलीय विधायक शामिल हैं।