लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) की 2,000 बसें प्रतिदिन सूबे के विभिन्न जनपदों में ट्रेनों और अन्य साधनों से आने वाले श्रमिकों को घरों तक पहुंचा रही हैं। परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक डॉ. राजशेखर ने गुरुवार को बताया कि गैर राज्यों से आने वाले उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को घरों तक पहुंचाने के लिए बसों की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। रोजाना करीब 50 ट्रेन से आने वाले लगभग 7,000 श्रमिकों को पहुंचाने के लिए रोडवेज की बसें विभिन्न जनपदों में दिन रात चल रही हैं। ताकि श्रमिकों को आसानी से उनके घरों तक पहुंचाया जा सके।
उन्होंने बताया कि रोडवेज बसों से श्रमिकों को पहुंचाने के लिए करीब 10,000 कर्मचारियों की ड्यूट लगाई गई है। ड्यूटी पर तैनात किये गये सभी कर्मचारी कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए अनिवार्य व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के साथ मास्क और दस्ताने का उपयोग कर रहे हैं।
प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि प्रदेश के सभी बस स्टेशनों पर जहां यात्रियों की संख्या प्रतिदिन 5,000 से अधिक है। वहां पर हैवी ड्यूटी ऑटोमेटिक थर्मल सेंसर कैमरा लगाया जायेगा। इसके साथ ही यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए विशेष व्यवस्थायें भी की जा रही हैं। ताकि कोरोना वायरस की कड़ी को तोड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के पहले और दूसरे चरण में परिवहन निगम की आपातकालीन बसों का संचालन प्रदेश सरकार के आदेश से किया गया है। अब तीसरे चरण में भी आपातकालीन बसों का संचालन शासन के आदेश से किया जा रहा है। इस दौरान परिवहन निगम के अधिकारी और कर्मचारी मुस्तैदी के साथ आपातकालीन बसों का संचालन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के पास करीब 12,000 बसों का बेड़ा है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर करीब 10,000 बसों का बेड़ा इस समय ऑन रोड है। इन बसों से श्रमिकों को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में भेजा जा रहा है