संयुक्त राष्ट्र में भारत चुना गया सामाजिक और आर्थिक परिषद का सदस्य

संयुक्त राष्ट्र। भारत को साल 2022-2024 के लिए संयुक्त राष्ट्र सामाजिक औऱ आर्थिक परिषद का सदस्य चुना गया है। दरअसल 54 सदस्यीय आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के केंद्र में है। सोमवार को हुए चुनाव में भारत को अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और ओमान के साथ एशिया-प्रशांत राज्यों की श्रेणी में चुना गया है।

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत टीएस त्रिमूर्ति  ने सभी सदस्यों का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि भारत को चुनने के लिए और विश्वास जताने के लिए आप सभी का आभार।

त्रिमूर्ति ने ट्वीट कर कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को ईसीओएसओसी के लिए भारत में उनके विश्वास मत के लिए धन्यवाद करते हैं।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को ईसीओएसओसी में 18 देशों का चुनाव किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और फंडों के आर्थिक एवं सामाजिक कार्यों के समन्वयक निकाय हैं। महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर ने विधानसभा में गुप्त मतदान के बाद परिणामों की घोषणा की। भारत के साथ-साथ अफ्रीकन राज्यों में से एसवाटनी, तंजानिया, ट्यूनेशिया, मौरिशस को भा चुना गया है।

मालदीव्स के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष चुने गए हैं।कुल 191 वोट में से शाहिद को 143 वोट मिले। शाहिद ने अपने आगामी कार्यकाल को ‘आशा की अध्यक्षता’ के रूप में संदर्भित किया है। उन्होंने कहा है कि हमने हमेशा बेहतर कल के लिए कार्य किया है। उन्होंने कहा कि यह भावना, यह आशा – यह मालदीव का तरीका है, मालदीव का लोकाचार है।

दरअसल ऐसा पहली बार हो रहा है जब मालदीव्स के प्रतिनिधि को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अध्यक्ष का पद मिला है। इससे पहले अफगानिस्तान ने सबसे पहले अपनी भागीदारी की घोषणा की थी जबकि मालदीव्स ने साल 2018 में अपने प्रतिनिधि की घोषणा की थी।

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संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर ने मालदीव के विदेश मंत्री को महासभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई देते हुए कहा है कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष, लघु द्वीपीय देशों के लिए एक मज़बूत आवाज़ रहे हैं। भारत ने नवम्बर 2020 में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंग्ला की मालदीव यात्रा के दौरान एफएम शाहिद के लिए अपने समर्थन की घोषणा की थी। उस समय भी वह मैदान में एकमात्र उम्मीदवार थे।

यूएनजीए को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में हम 76वें सत्र की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने बीमारी, निराशा और तबाही को पिछले साल की चुनौतियां बताया है। उन्होंने कहा कि इस समय हमारा पर्यावरण, हमारा महासागर, हमारा ग्रह पीड़ित है लेकिन हमें आगे बढ़ना जारी रखना होगा।

समुदायों का पुनर्निर्माण करना होगा और ग्रह को बचाना होगा। अर्थव्यवस्थाओं को ठीक करना होगा। उन्होंने अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के लिए पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को रेखांकित किया, कोरोना प्रतिक्रिया, वैक्सीन इक्विटी, पर्यावरण, मानवाधिकार और लैंगिक समानता।

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