सत्ता पक्ष ने लगाए विपक्ष पर आरोप, सदन में हंगामा, कार्यवाही स्थगित

नई दिल्ली । भाजपा सांसदों ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ सदस्यों के संबंध जॉर्ज सोरोस व उनसे जुड़े हुए संगठनों के साथ हैं। भाजपा सांसदों का कहना था कि यह हमारी राष्ट्रीय एकता के लिए बहुत चिंता का विषय है। इन सांसदों ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग की। कांग्रेस ने इस प्रकार के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसका विरोध किया। इसके बाद सत्ता पक्ष की ओर से भी सदन में जमकर हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा।
सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने पर सभापति ने बताया कि उन्हें चर्चा के लिए कुल 11 नोटिस मिले हैं। यह सभी नोटिस नियम 267 के अंतर्गत दिए गए थे। किसानों की स्थिति पर चर्चा के लिए रामजीलाल सुमन ने चर्चा का नोटिस दिया था। संतोष कुमार पी ने मणिपुर की कानून व्यवस्था पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था। कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी ने रतलाम के मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों से दुर्व्यवहार पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था।

Advertisement

वहीं भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी, कविता पाटीदार, संजय कुमार झा व जीके वासन ने भारत के खिलाफ काम करने वाले संगठनों की राजनीतिक दलों से कथित सांठगांठ के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बढ़ती चुनौती पर चर्चा की मांग की।

भाजपा की राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार ने सदन में कहा कि हमें कुछ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट से पता चला है कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ सदस्यों के संबंध जॉर्ज सोरोस व उनसे जुड़े हुए संगठनों के साथ हैं। यह हमारी राष्ट्रीय एकता के लिए बहुत चिंता का विषय है। उन्होंने सभापति से कहा, “इसलिए मैं आपसे निवेदन करती हूं कि नियम 267 के तहत सदन में इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए।”

हालांकि सभापति ने इसकी इजाजत नहीं दी। उन्होंने कहा कि गंभीर विचार करने के बावजूद भी मैं इन चर्चाओं के लिए सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित करने की अनुमति नहीं दे सकता हूं। दरअसल नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के दौरान सदन की अन्य सभी कार्यवाहियों को स्थगित कर दिया जाता है।

इसके बाद सदन में जबरदस्त हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष और खास तौर पर कांग्रेस के सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई। सदन में हंगामे के बीच सभापति ने कहा, “मेरी आप सभी से अपील है कि सदन को अपने तय नियमों के मुताबिक चलने दीजिए। सभापति ने कहा कि यह हमारे संविधान का 75वां वर्ष है।”

वहीं भाजपा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि सदन में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग उठाकर हम देश की जनता को यह बताना चाहते हैं कि कौन लोग देश की सुरक्षा के साथ लगातार षड्यंत्र कर रहे हैं। भाजपा सांसद के इस बयान से नाराज कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि सारा देश यह देख रहा है, सदन में सभापति के आदेश की अवहेलना हो रही है। शून्य काल में सत्ता पक्ष सदन को नहीं चलने दे रहा है। प्रमोद तिवारी ने कहा कि सदन की परंपरा रही है कि बिना सभापति की अनुमति के कोई नहीं बोलता है और जो बोलता है वह रिकॉर्ड में नहीं जाना चाहिए। इसलिए डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने जो कहा वह रिकॉर्ड में नहीं जाना चाहिए।

गौरतलब है कि सोमवार 9 दिसंबर को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का जन्मदिन भी है। इस हंगामे से पहले सोमवार सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोनिया गांधी को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने उनके स्वास्थ्य को लेकर अपनी ओर से शुभकामनाएं दी। सभापति ने सभी को लोकतंत्र की भी बधाई दी। उन्होंने बताया कि संविधान सभा की पहली बैठक आज ही के दिन यानी 9 दिसंबर 1946 को हुई थी।

–आईएएनएस

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here