लखनऊ। सबका साथ सबका विकास की सोच के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पार्टी के सामाजिक सम्पर्क अभियान की शुरुआत की। राजधानी लखनऊ के पंचायत भवन में आयोजित पहले सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कुम्हार और प्रजापति समाज के प्रतिनिधियों को संबोधित किया।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रतिनिधियों को सत्ता तथा संगठन की उपलब्धियों की विस्तार से जानकारी दी। अब इसी तर्ज पर आगामी 31 अक्टूबर तक 27 सामाजिक सम्पर्क सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। हर सम्मेलन में प्रदेश तथा केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं तथा प्रमुख निर्णयों की जानकारी देकर समाज के सभी वर्गों से संवाद स्थापित किया जाएगा।
पार्टी के ये सामाजिक सम्पर्क सम्मेलन सरकार और संगठन की ताकत बनेंगे। इस कार्यक्रम के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिलों का दौरा कर विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र देकर जनता से संवाद स्थापित करने की मुहिम में जुटे हैं।
नवम्बर के अंत तक सूबे के सभी जिलों में इसी तरह जनता से संवाद स्थापित करने की योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तैयार की है। चुनाव से पहले सूबे के सभी 75 जिलों में मुख्यमंत्री का दौरा होना है। जिसके जरिए मुख्यमंत्री की लोकप्रियता को वोट बैंक में तब्दील करने की योजना पार्टी ने तैयार की है। जिसके तहत मुख्यमंत्री जिलों में किसी न किसी सरकारी परियोजना का उद्घाटन, शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे।
मुख्यमंत्री के ऐसे कार्यक्रमों में बीजेपी की ओर से चुनाव के मद्देनजर चलाए जाने वाले सम्मेलनों, युवा, महिला, किसान मोर्चा, कार्यक्रमों में शामिल होंगे। पूर्व में बनाए गए इस कार्यक्रम के साथ ही अब सामाजिक सम्पर्क सम्मेलन के जरिए पार्टी की ताकत को बढ़ाने का कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा डॉ. दिनेश शर्मा सहित केंद्रीय मंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता इन सम्मेलनों के माध्यम से संवाद करेंगे। पार्टी सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलनों के माध्यम से गांव, गरीब, किसान की उन्नति, देश की आर्थिक व सामरिक सम्पन्नता, भयमुक्त उत्तर प्रदेश के निर्माण को मूर्त रूप प्रदान करने वाले निर्णयों तथा जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ संवाद को आगे बढ़ाया जाएगा।
पार्टी ने तय किया है कि 17 अक्टूबर को पंचायत भवन में प्रजापति या कुम्हार समाज के सम्मेलन के बाद, 20 अक्टूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राजभर, 21 अक्टूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हलवाई-कसौंधन-शिवहरे, 21 अक्टूबर को पंचायत भवन में नाई-सैन-सविता, 22 अक्टूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में यादव, 22 अक्टूबर को पंचायत भवन में लूनिया-चौहान, 23 अक्टूबर को गन्ना संस्थान में नामदेव-दर्जी, 23 अक्टूबर को पंचायत भवन में विश्वकर्मा-पांचाल-जांगिड़, सामाजिक सम्पर्क सम्मेलन होगा।
26 अक्टूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में लोधी, 27 अक्टूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पाल-बघेल, 28 अक्टूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कुर्मी-पटेल-गंगवार, 28 अक्टूबर को पंचायत भवन में भुर्जी, 28 अक्टूबर को गन्ना संस्थान में स्वर्णकार, 29 अक्टूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सैनी-कुशवाहा-शाक्य-मौर्य, 30 अक्टूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में निषाद-कश्यप-केवट-मल्लाह, 30 अक्टूबर को ही पंचायत भवन में चौरसिया तथा 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राठौर-तेली-साहू समाज का सामाजिक सम्पर्क सम्मेलन होगा।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि इन सम्मेलनों का मकसद एक तरफ समाज विशेष को पार्टी से जोड़ने का है, तो दूसरी मोदी और योगी सरकार के कामों और योजनाओं के बारे में बताना है। पार्टी नेता इस अभियान में सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास व सबके प्रयास से आत्मनिर्भर भारत का मंत्र लेकर जन-जन से जुड़ेंगे।
बीजेपी की प्रदेश महामंत्री एवं अभियान प्रभारी प्रियंका सिंह रावत कहती हैं पार्टी के सामाजिक सम्पर्क सम्मेलनों के माध्यम से गांव, गरीब, किसान की उन्नति की बात होगी। मोदी सरकार ने देश को कैसे आर्थिक और सामरिक सम्पन्नता दिलाई। योगी सरकार ने भयमुक्त उत्तर प्रदेश बनाया। सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। उनका दावा है कि ये सामाजिक सम्पर्क सम्मेलन सरकार और संगठन की ताकत बनेंगे।