नयी दिल्ली। एम्स लाख कोशिशों के बाद भी कालजयी अटल बिहारी बाजपेई को बचाने में सफल नहीं हुआ। उनकी कालजयी आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गयी। इसके साथ ही पूरा देश गम में डूब गया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज शाम 5 बजकर 5 मिनट पर निधन हो गया। पिछले 48 घंटे से वाजपेयी को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था क्योंकि उनकी तबियत काफी बिगड़ गयी थी। एम्स ने एक बयान जारी कर वाजपेयी जी के निधन की जानकारी दी। भारत रत्न वाजपेयी को 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी पिछले काफी दिनों से अस्वस्थ थे। केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद वाजपेयी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वाजपेयी 93 वर्ष के थे और चलने फिरने तथा बोलने में असमर्थ थे। उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक और लंबे समय तक सांसद रहे वाजयेपी 1998 से 2004 तक प्रधानमंत्री रहे। स्वास्थ्य खराब होने के कारण धीरे धीरे वह सार्वजनिक जीवन से अलग होते चले गए और कई वर्षों से अपने आवास तक ही सीमित थे। वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था।
आज वाजपेयी जी का हाल जानने उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गिरिराज सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और केंद्रीय राज्य मंत्री विजय गोयल भी एम्स पहुँचे। कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी अटलजी का हाल जानने के लिए एम्स पहुँचे। इसके अलावा विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हाल जानने पहुँचे। इस बीच, एम्स के बाहर लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने अरबिंदो मार्ग पर कुछ जगह वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित भी किया गया है। वाजपेयी जी के सरकारी निवास के बाहर भी बैरिकेडिंग कर दी गयी है।