नई दिल्ली। सरकार ने गन्ना किसानों को राहत देने के लिए चीनी निर्यात की समय-सीमा बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को इस साल के लिए आवंटित चीनी कोटे की अनिवार्य निर्यात समय-सीमा तीन महीने बढ़ाकर दिसम्बर तक कर दी है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को ये जानकारी दी।
सरकार ने सितम्बर को समाप्त होने वाले विपणन वर्ष 2019-20 के लिए अतिरिक्त चीनी के निपटान में मदद के लिए कोटा के अंतगर्त 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि 60 लाख टन में से 57 लाख टन चीनी का अनुबंध हो गया है, जिसमें मिलों से करीब 56 लाख टन चीनी निकल चुकी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान आवाजाही में कठिनाई के चलते कुछ मिलें अपना स्टॉक भेज नहीं सकी है।
सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कई मिलों को लॉजिस्टिक संबंधी मुद्दों का सामना करना पड़ा है। इसलिए हमने उन्हें अपना कोटा निर्यात के लिए दिसंबर तक कुछ और वक्त देने का फैसला किया है। अधिकारी ने बताया कि चीनी मिलों ने ईरान, इंडोनेशिया, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों को चीनी का निर्यात किया है।
उल्लेखनीय है कि सरकार विपणन वर्ष 2019-20 के दौरान 60 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए 6,268 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है, ताकि अतिरिक्त घरेलू स्टॉक को खत्म किया जा सके और किसानों को गन्ने का भारी बकाया चुकाने में मिलों को मदद मिल सके। ज्ञात हो कि इंडोनेशिया में चीनी के निर्यात को लेकर गुणवत्ता संबंधी कुछ मुद्दे थे, जिसका अब समाधान हो गया है और जिससे भारत के निर्यात को बढ़ावा मिला है।