लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के 4.5 साल पूरे होने पर रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में प्रेस कांफ्रेंस की। सीएम योगी ने दावा किया कि साढ़े चार साल में सरकार ने साढ़े चार लाख युवाओं को रोजगार दिया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में आज यूपी देश में नंबर दो पर है। वहीं 44 योजनाओं में यूपी नंबर वन है।
सीएम ने कहा, ‘पिछले 4.5 साल के दौरान कहीं दंगा नहीं हुआ। हमारी सरकार सुशासन को समर्पित रही। अपराधियों की संपत्तियां जब्त की। किसी भी अपराधी की जाति या धर्म नहीं देखा। सपा-बसपा पर हमला करते हुए सीएम ने कहा, ‘इससे पहले जो मुख्यमंत्री थे, वे अपने लिए बड़ी-बड़ी हवेली बनाते थे। पहले की सरकारों में बड़ी-बड़ी हवेली बनाने की होड़ चलती थी। पिछले साढ़े चार साल में हमने 42 लाख गरीबों के लिए आवास बनाए हैं’।
सीएम ने कहा, ‘2007 से 2017 तक मात्र 95 हजार करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया था। हमारी 4.5 साल की सरकार में 1.44 लाख करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य का रिकॉर्ड भुगतान किया गया। 66 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद सीधे किसानों से हमारी सरकार ने की है।
पिछली सरकार में मात्र 6 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी, वह भी किसानों से नहीं आढ़तियों के माध्यम से की गई थी। विपक्ष के मित्र अगर लोक कल्याण कार्यक्रम में आ जाते तो समझ जाते कि भाजपा ने 2017 में जो वादे किए थे। उन सभी वादों को पूरा किया है। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे।
सीएम बोले- पहले पूरा खानदान वसूली के लिए निकलता था
- भर्ती प्रक्रिया में किसी का चेहरा नहीं, बल्कि योग्यता के आधार पर भर्ती की गई। सभी नियुक्तियां वर्षों से लंबित थीं, क्योंकि पिछली सरकारों में ईमानदारी का अभाव था। भर्ती निकलती थी तो पूरा खानदान वसूली के लिए निकल पड़ता था। पहले ट्रांसफर पोस्टिंग एक उद्योग बन चुका था। हमने प्रशासनिक स्थिरता दी।
- सुरक्षा का माहौल बना तो निवेश भी आया। 2018 में देश का हर उद्योगपति इन्वेस्टर समिट में आया था। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी पहले 14वें स्थान पर था, यानी हमारी गिनती नहीं थी और आज नंबर दो पर हैं। तीन लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश हुआ है। 44 योजनाओं में यूपी नंबर-1 पर चल रहा है। सर्वांगीण विकास आज नए देश के नए उत्तर प्रदेश की पहचान है।
- 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को देश में रुकावट पैदा करने वाला प्रदेश समझा जाता था। आज नेक नीयत और ईमानदार नेतृत्व का नतीजा है कि प्रदेश, देश की बड़ी योजनाओं का नेतृत्व कर रहा है।
- किसान कर्जमाफी से हमने किसान कल्याण की योजना को आगे बढ़ाया है। उत्तर प्रदेश में जहां जल संसाधन भरपूर होता था, लेकिन योजनाओं के क्रियान्वयन न होने से किसानों को भरपूर लाभ नही मिल पाता था, लेकिन आज वो सब चल रहा है। पहले चीनी मिलें लगातार बंद होती गई। किसान आत्महत्या करने को मजबूर हुआ। हमने उन चीनी मिलों को लगातार चलाया। कोरोना काल मे भी लगातार चलती गईं।
- पिछली सरकारें आढ़तियों के माध्यम से उपज का क्रय करती थीं। जबकि हमने सीधे किसानों से खरीदी करके, उन्हें डीबीटी के माध्यम से पैसे दे रहे हैं। जो सीधे बिना बिचौलिए के उनके पास पहुंच रहा है।
- सरकार ने प्रयागराज कुंभ, बनारस में प्रवासी भारतीय सम्मेलन करके दिखाया। अयोध्या दीपोत्सव, बरसाना रंगोत्सव सबको करके दिखाया। पहले की सरकारें इन्हें करने में सशंकित रहती थीं। एक दर्जन से अधिक सिंचाई परियोजनाओं को सिर्फ बुंदेलखंड के अंदर पूरा किया गया, जहां पिछली सरकारें झांकने तक नहीं जाती थीं।
सरकार के चार बड़े दावे
- 4 लाख युवाओं को नौकरी: दावा है कि पिछले साढ़े 4 सालों में साढ़े 4 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। साल 2017 तक यहां की बेरोजगारी दर 17 फीसदी तक थी, जबकि आज 4 फीसदी है। बीते 19 माह से कोविड काल का सामना यूपी ने जिस ढंग से किया, उसकी सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्म पर हो रही है।
- गन्ना किसानों को 1.44 लाख करोड़ का भुगतान: केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार होने का सीधा फायदा भी यूपी को है। आज पीएम किसान योजना हो, स्वच्छ भारत मिशन हो, उज्ज्वला और उजाला योजना हो अथवा खाद्यान्न उत्पादन, उत्तर प्रदेश सभी में शीर्ष स्थान पर है। न केवल नई चीनी मिलें खुली, बल्कि पुरानी की क्षमता वृद्धि भी की गई। गन्ना किसानों को अब तक 1.44 लाख करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
- चार साल में एक भी दंगा नहीं: एक बड़ी उपलब्धि ‘दंगा मुक्त उत्तर प्रदेश’ भी है। दावा है कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का ही नतीजा है कि अलग-अलग मौकों पर विपक्षी दल भी यूपी की चुस्त-दुरुस्त कानून व्यवस्था की सराहना करते रहे हैं। बीते 54 महीनों में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ।
- बन रहा एक्सप्रेस-वे का जाल: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं। जेवर, कुशीनगर और अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का चल रहा निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है।