लखनऊ। योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में सिद्धार्थ नाथ सिंह को स्थान नहीं मिला जबकि राजनीतिक पंडित चुनाव जीतने के बाद से ही आश्ववस्त थे कि सिद्धार्थ नाथ को मंत्रिमंडल में दूसरी बार अच्छा विभाग मिलेगा। दरअसल, सिद्धार्थ नाथ इलाहबााद शहर पश्चिमी सीट से दोबारा विधायक चुने गए हैं।
यह वही क्षेत्र है जो कभी माफिया अतीक अहमद का गढ़ माना जाता है। सिद्धार्थ सपा प्रत्याशी ऋचा सिंह को दोबारा हराकर विधायक बने हैं। अब ऐसे में उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने की वजह यह भी बतायी जा रही है कि योगी आदित्यनाथ उनकी कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं थे।
इसको इस तरह से समझा जा सकता है कि 2017 में सिद्धार्थ को स्वास्थ्य विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग का मंत्री बनाया गया था लेकिन बाद में उनसे यह विभाग वापस ले लिया गया था। उसी समय सियासी गलियारों में यह चर्चा होने लगी थी कि मुख्यमंत्री योगी सिद्धार्थ नाथ से नाराज हैं।
सिद्धार्थ नाथ को लेकिर ट्वीटर पर तरह तरह के बयानबाजी किए जा रहे हैं। सभी अपने अपने अलग अलग तर्क दे रहे हैं। अब यह देखना होगा कि क्या दोबारा यूपी सरकार के प्रवक्ता का पद सिद्धार्थ नाथ को मिलेगा या नहीं?
खुद को मंत्री मानकर चल रहे थे सिद्धार्थनाथ
सिद्धार्थ नाथ खुद को दूसरी बार भी मंत्री बनने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे। तभी तो 25 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने के पहले ही सुबह 10 बजे ही उनके मीडिया प्रभारी ने मीडिया को उनके राजनीतिक इतिहास का लेखा जोखा मुहैया करा दिया था। लेकिन शाम काे शपथ ग्रहण के दौरान जब पता चला कि उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिला तो उनके समथर्कों में मायूसी छा गयी।