लखनऊ कोरोना वैक्सीन को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यू टर्न ले लिया है। अखिलेश ने प्रेस नोट जारी कर शनिवार को कहा कि यूपी टीकाकरण के मामले में बहुत पीछे है। यहां आधी-अधूरी तैयारी और बेमन के साथ टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसको लेकर अखिलेश ने केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
इसी साल 2 जनवरी को अखिलेश ने इस वैक्सीन को BJP की वैक्सीन करार दी थी। उन्होंने कहा था कि BJP की इस वैक्सीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। तब अखिलेश के इस बयान की देशभर में आलोचना भी हुई थी।
सरकार कालाबाजारी भी नहीं रोक पा रही
अखिलेश यादव ने कहा कि आंकड़ों और जुबानी दावों के जरिए मुख्यमंत्री प्रदेश में कोरोना संक्रमण, ब्लैक फंगस और टीकाकरण के मामलों को अंडर कंट्रोल बताने में जुटे हैं, जबकि हकीकत बिल्कुल अलग है। शहरों के साथ ग्रामीण इलाकों में भी स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। दवा, इलाज के लिए हाहाकार मचा है।
अखिलेश ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मान लिया है कि उत्तर प्रदेश में महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों से भी कम वैक्सीनेशन हुआ है। कागजों पर इलाज, जमीन पर बेइलाज यही प्रदेश की नियति हो गई है। लोग सड़कों पर मर रहे हैं।
अखिलेश ने कहा- योगी की मजबूरी है हां में हां मिलाने की
अखिलेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तंज कसा। कहा प्रधानमंत्री जहां बीमार वहीं उपचार का नया नारा लेकर आ गए हैं। 7 वर्ष में बहुत काम होने का प्रशस्ति मेडल भी उन्होंने खुद अपने नाम कर लिया है। मुख्यमंत्री की मजबूरी है, हां में हां मिलाने की। शहर से गांव तक पूरे राज्य में चिकित्सा व्यवस्था बर्बाद करने के बाद भी बधाई का आदान प्रदान चल रहा है। भाजपा की सोची समझी रणनीति के तहत ऐसा किया जा रहा है ताकि जनता भ्रम में रहे और बिना उपचार हो रही मौतों पर पर्दा पड़ा रहे।
योगी बोले, जो वैक्सीन का विरोध करते थे, वो आज वैक्सीनेशन की बात कर रहे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सपा मुखिया पर पलटवार किया है। पहली बार सपा के गढ़ सैफई पहुंचे योगी ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग पहले वैक्सीन का विरोध करते थे आज वे वैक्सीन की ही बात कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज और कोविड मैनेजमेंट की जानकारी भी ली