चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा की सीमा में धरना दे रहे किसानों को अपील की है कि वह अपने घरों को लौट जाएं, क्योंकि अब किसान आंदोलन अराजक तत्वों के हाथ में आ चुका है। इस समय सभी को मिलकर देश की शांति भंग करने वाले अराजक तत्वों के इरादों को विफल करने की जरूरत है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में असमाजिक तत्वों द्वारा किए गए हंगामे के बाद मंगलवार की रात मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाकर हरियाणा के मौजूदा हालातों का रिव्यू करने के बाद जारी एक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले पर हुई दुखद घटना अत्यंत निंदनीय है।
लोकतंत्र में संवाद के द्वारा मतभेदों को दूर करने की पर्याप्त गुंजाइश है, लेकिन मतभेदों के बावजूद कोई भी भारतीय लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के स्थान पर कोई भी दूसरा झंडा फहराए जाने को सहन नहीं कर सकता। यह हमार उन स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों का अपमान है जिन्होंने लाल किले पर तिरंगा फहराने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया था। उन्होंने यह आजादी इस तरह की अराजकता फैलाने के लिए नहीं दिलवाई थी।
दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के किसान संगठनों ने गहन आश्वासन दिये थे, लेकिन आज के घटनाक्रम ने साबित कर दिया है कि आंदोलन अब इन किसान नेताओं के नियंत्रण से बाहर है, और इस आंदोलन की कमान ऐसे अराजक तत्वों के हाथ में है जिनकी विचारधारा किसान हितों से भिन्न है। इसलिए अब किसान भाइयों को इस विषय पर गहन विचार करना चाहिए कि यह आंदोलन किस दिशा में जा रहा है।
हरियाणा का समूचा मंत्रिमंडल आज की अपनी इस विशेष बैठक के माध्यम से आंदोलन में मौजूद समस्त किसानों से विनम्र अपील करता है कि वह अपने-अपने घरों को लौट जाएं। इस समय इस बात की सख्त जरूरत है कि हम सब मिलकर असामाजिक तत्वों के इरादों को विफल करें।