लखनऊ। यूपी वालों को सीएम योगी ने एक और बड़ा तोहफा दिया है। इमरजेंसी में 48 घंटे तक फ्री इलाज के बाद अब फ्री डायलिसिस की सुविधा यूपी सरकार देने जा रही है। सीएम योगी ने ऐलान करते हुए कहा, किडनी से संबंधित रोगों के इलाज में डायलिसिस की अहम भूमिका होती है, केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के सभी 75 जिलों में मुफ्त डायलिसिस सुविधा दी जाएगी।
प्रधानमंत्री राष्ठ्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत हम पहले से ही 65 जिलों में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा दे रहे हैं। तीन और जिलों में इस सुविधा के शुरू होने से अब यह सुविधा 68 जिलों में हो गई है। क्वालटी ऑफ लाइफ की गारंटी उत्तर प्रदेश में हो इसका प्रयास हम सबको करना है।
बुधवार को कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास से चंदौली, भदोही और हाथरस में डायलिसिस सेंटर और 35 जिलों में उच्चीकृत एएनएम सेंटर में शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ करते हुए योगी ने कहा कि किडनी रोग से हमें बचना है तो शुगर से बचना होगा और शुगर से बचने के लिए हमें तनाव से बचना होगा।
उन्होंने हेल्थ, वेलनेस केंद्रों पर ओरल कैंसर स्क्रीनिंग अभियान का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि आज एक साथ 35 एएनएम केंद्रों का शुभारंभ हुआ है। ये सभी केंद्र उच्चस्तरीय सुविधाओं से युक्त है। इनमें मॉडर्न सुविधाओं से लैस इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लासरूम, लैब, लैबोरेटरी और स्टाफ सब है।
इनके शुरू हो जाने से एक साथ 1700 से अधिक बेटियां प्रशिक्षित होंगी। जो भी बेटियां यहां से पढ़कर निकलेंगी उन्हें स्वास्थ्य के क्षेत्र में कैरियर बनाने का अवसर प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैरामेडिकल स्टाफ किसी भी प्रदेश के स्वास्थ सुविधा की रीढ़ होते हैं। एएनएम की क्या भूमिका हो सकती है, इसकी उपयोगिता हमें कोरोना महामारी में देखने को मिली है।
इंफ्रास्ट्रक्चर के बाद भी बंद कर दिए गए थे एएनएम सेंटर
मुख्यमंत्री ने कहा कि 33 वर्ष पहले प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध था लेकिन इन एएनएम केंद्रों को बंद कर दिया गया। जिसके कारण प्रदेश की लड़कियों को नर्सिंग की पढ़ाई के लिए निजी सेंटरों में प्रवेश लेना पड़ता था या फिर दूसरे शहरों की ओर रुख करना पड़ता था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र में एएनएम केंद्रों में मेरिट के साथ-साथ एंट्रेंस एग्जाम की प्रक्रिया को शामिल किया जारए। जिससे प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
इनके शुरू हो जाने से एक साथ 1700 से अधिक बेटियां प्रशिक्षित होंगी। जो भी बेटियां यहां से पढ़कर निकलेंगी उन्हें स्वास्थ्य के क्षेत्र में कैरियर बनाने का अवसर प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैरामेडिकल स्टाफ किसी भी प्रदेश के स्वास्थ सुविधा की रीढ़ होते हैं। एएनएम की क्या भूमिका हो सकती है, इसकी उपयोगिता हमें कोरोना महामारी में देखने को मिली है।
इंफ्रास्ट्रक्चर के बाद भी बंद कर दिए गए थे एएनएम सेंटर
मुख्यमंत्री ने कहा कि 33 वर्ष पहले प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध था लेकिन इन एएनएम केंद्रों को बंद कर दिया गया। जिसके कारण प्रदेश की लड़कियों को नर्सिंग की पढ़ाई के लिए निजी सेंटरों में प्रवेश लेना पड़ता था या फिर दूसरे शहरों की ओर रुख करना पड़ता था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र में एएनएम केंद्रों में मेरिट के साथ-साथ एंट्रेंस एग्जाम की प्रक्रिया को शामिल किया जारए। जिससे प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।