सीतापुर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर एडीजी समेत 30 के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा

मेरठ। सीतापुर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के एडीजी समेत 30 लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। मेरठ में बागपत रोड पर पांचली गांव में बदरी नरायण सेवा ग्राम है। इसका उद्देश्य रामचरित मानस का प्रचार-प्रसार विदेशों तक करना है। इसका संचालन मानस साधना मंडल ट्रस्ट करती है।

ट्रस्टी कृष्णानंद कुमार का आरोप है कि साधना मंडल की सिस्टर ट्रस्ट 1994 में बरेली रजिस्ट्रार कार्यालय में आईएएसएस नाम से पंजीकृत हुई। अवैध रूप से इसकी सप्लीमेंट्री ट्रस्ट मेरठ में वर्ष-2016 में पंजीकृत कराई गई, जबकि यह भी बरेली में पंजीकृत होनी चाहिए थी।

आरोप है कि पिछले दिनों आईएएसएस ट्रस्ट के खाते से दो करोड़ रुपये निकाले गए और पांचली में ही छह एकड़ जमीन घनश्याम अग्रवाल के नाम पर खरीदी गई जो इस ट्रस्ट में खाता संचालक हैं। कृष्णानंद कुमार का आरोप है कि ट्रस्ट के पैसे से निजी व्यक्ति के नाम पर जमीन नहीं खरीदी जा सकती।

कोर्ट के आदेश पर केस
पीड़ित ट्रस्टी ने मेरठ पुलिस में शिकायत की। कार्रवाई न होने पर एसीजेएम-5 की अदालत में केस डाला। कोर्ट ने 15 दिसंबर को एफआईआर का आदेश दिया। अब 29 दिसंबर को मेरठ के थाना सिविल लाइन में 30 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 420, 467, 468, 469, 470, 471, 406, 379, 342 में केस दर्ज हुआ है। इसमें सीतापुर पीटीसी में तैनात एडीजी राजा श्रीवास्तव और उनके रिश्तेदार, एक रिटायर्ड जिला जज, बड़ोदरा के बिल्डर, गाजियाबाद के उद्यमी समेत ट्रस्ट से जुड़े कई लोग शामिल हैं।

यह हैं आरोप
1- ट्रस्ट के पैसे से निजी व्यक्ति के नाम पर जमीन खरीदी
2- सप्लीमेंट्री ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन अवैध तरीके से हुआ
3- कूटचरित डीड बनाकर करोड़ों की संपत्ति हड़पी गई

कोर्ट के आदेश पर 30 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। इसकी जांच कराई जा रही है। – अजय साहनी, एसएसपी मेरठ

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