‘सीरिया में जीना मुश्किल होगा’, लाखों लोग पहुंच रहे लेबनान

बेरूत। इस्लामिक शासन और उसकी पाबंदियों की आशंका से सीरिया से शिया समुदाय के लोगों और अन्य अल्पसंख्यकों का पलायन हो रहा है। दसियों हजार लोग भागकर पड़ोसी देश लेबनान पहुंचे हैं।

Advertisement

दमिश्क पर कब्जा करने वाले सुन्नी संगठन हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ने इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार शासन चलाने का एलान किया है लेकिन अल्पसंख्यकों के रीत-रिवाजों को भी महत्व देने की बात कही है। लेकिन शिया और अन्य अल्पसंख्यकों को इस आश्वासन पर भरोसा नहीं है।

एक लाख से ज्यादा सीरियाई पहुंचे लेबनान

लेबनानी अधिकारियों के अनुसार आठ दिसंबर से अभी तक अल्पसंख्यकों और अन्य लोगों समेत एक लाख से ज्यादा सीरियाई लेबनान पहुंच चुके हैं। सीरिया में रहने वाले अल्पसंख्यकों और अन्य के लिए लेबनान का माहौल और वहां पहुंचना अन्य पड़ोसी देशों की तुलना में सुविधाजनक है। दसियों हजार अल्पसंख्यक लेबनान पहुंच चुके हैं और हजारों लोग उससे लगने वाली सीरिया की सीमा पर मौजूद हैं। उनसे बातचीत में उनके भीतर का भय बाहर आता है। एचटीएस के कब्जे के बाद दमिश्क में मनाई जा रही खुशियों के उलट अल्पसंख्यकों को आशंका है कि सीरिया में जीवन अब मुश्किल होने वाला है। असद के शासन में आमजनों के लिए नियमों-कानूनों को लेकर ज्यादा समस्याएं नहीं थीं लेकिन इस्लामिक शासन व्यवस्था स्थितियां बदल देगी।

ब्लिंकन ने कहा- सीरिया का सहयोग करें पड़ोसी देश

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पश्चिम एशिया के देशों खासतौर से सीरिया के पड़ोसियों से अपील की है कि वे नई शासन व्यवस्था को शांतिपूर्ण तरीके से स्थापित होने में मदद करें। ब्लिंकन ने शुक्रवार को अंकारा में तुर्किये के राष्ट्रपति रीसेप तैयप एर्दोगन से वार्ता करने के बाद वहां के विदेश मंत्री से मुलाकात की है। उसी के बाद ब्लिंकन ने यह अपील जारी की है। 

इजरायल ने सीरिया की 90 फीसद मिसाइलें नष्ट कीं

वैसे तो इजरायल अक्सर ही सीरिया पर हवाई हमले करता रहता है लेकिन आठ दिसंबर से उसने इन हमलों की झड़ी लगा रखी है। बीते छह दिनों में इजरायली वायुसेना ने सीरिया में 400 से ज्यादा हवाई हमले किए हैं। इजरायल का दावा है कि उसने सीरिया की 90 प्रतिशत से ज्यादा मिसाइलों को नष्ट कर दिया है, बड़ी मात्रा में रासायनिक हथियार भी नष्ट किए हैं। इजरायल ने ऐसा इन हथियारों के इस्लामिक संगठन एचटीएस के हाथ न पड़ने के लिए किया है, क्योंकि इनसे भविष्य में इजरायल विरोधी इस्लामिक संगठनों को लाभ हो सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here