नई दिल्ली। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के आखिरी टेस्ट मैच में प्रेजेंशन में भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को न बुलाने को लेकर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की जमकर आलोचना हो रही है। ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में खेले गए पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच के तीसरे दिन रविवार को मैच जीत सीरीज अपने नाम की। इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने 10 साल बाद ये ट्ऱॉफी उठाई, लेकिन इसे देने के लिए सिर्फ एलन बॉर्डर को बुलाया गया और सुनील गावस्कर को नजरअंदाज किया गया। अब इसे लेकर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपनी सफाई पेश की है।
भारत और ऑस्टेलिया के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का नाम इन दोनों देशों के दिग्गज क्रिकेटरों के नाम पर रखा गया है। साल 1996 से एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर के नाम पर सीरीज का नाम रखा गया है। आम तौर पर बॉर्डर और गावस्कर दोनों ही सीरीज जीतने वाली टीम को ये ट्रॉफी साथ में देते हैं। हालांकि, इस बार ऐसा नहीं हुआ।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के इस कदम की जमकर आलोचना हुई है। इसे सुनील गावस्कर के अपमान के तौर पर भी देखा जा रहा है। आलोचना के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया हरकत में आया और उसने इस मामले पर सफाई दी है। हालांकि, ये सफाई बेतुकी लग रही है और इससे साफ पता चल रहा है कि गलती मानने के बजाए ऑस्ट्रेलिया अपनी गलती पर पर्दा डालना चाह रहा है।क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रवक्ता ने कहा, “सीए ने पहले से ही फैसला किया गया था कि अगर ऑस्ट्रेलिया सीरीज जीतती है तो बॉर्डर अकेले ये सीरीज देंगे और अगर भारत ट्रॉफी अपने पास ही रखता है तो सिर्फ गावस्कर को बुलाया जाएगा। हम मानते हैं कि अगर दोनों को एक साथ स्टेज पर बुलाया जाता तो ये बेहतर होता।”
इस मामले पर भारत के पूर्व कप्तान गावस्कर ने गुस्सा जाहिर किया था। उन्होंने कहा कि वह प्रेजेंटेशन में जाना पसंद करते। उन्होंने एबीसी स्पोर्ट पर बात करते हुए कहा, “मैं निश्चित तौर पर प्रेजेंटेशन में होना पसंद करता क्योंकि ये बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है। ये भारत और ऑस्ट्रेलिया की सीरीज है। मैं यहां ग्राउंड पर हूं। जब प्रेजेंटेशन की बात आती है तो मेरे लिए ये मायने नहीं रखता कि कौन जीता। उन्होंने शानदार क्रिकेट खेला। लेकिन मैं भारतीय हूं तो मैं ट्रॉफी नहीं दूंगा। मैं अपने अच्छे दोस्त एलन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी देना पसंद करता।”