सुपर साइक्लोन अम्फान ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में जमकर तबाही मचाई है। दोनों राज्यों में जो मंजर दिखा वह बीते कई सालों में न तो किसी ने देखा था और न ही सुना था। अंफान तो जा चुका है पर अपने पीछे जो निशान छोड़ कर गया है वह इस तूफान की तबाही की गवाही कई सालों तक देगा।
दोनों स्थानों पर 130 से 185 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चली हैं। पेड़ उखड़ गए। बिजली के पोल जमीन पर आ गिरे। चीजें हवा में उड़ रही थी। कारें पानी में तैर रही थीं। कुछ ऐसा नजारा था जब अम्फान बर्बादी करने पर उतारू था।
अंफान तूफान ने बंगाल में जो तबाही मचाई है उसका निशान मिटने में काफी वक्त लगेगा। तबाही का मंजर बंगाल में कई जगहों पर है, तूफान के गुजर जाने के बाद उसके गहरे निशान हर तरफ बसरे है। राहत टीमें टूटे पेड़ों को सड़कों से हटाने में जुटी हैं, लेकिन काम खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। सड़कों पर पानी भरा होने के चलते राहत काम में और भी मुश्किल आ रही है।
रात 8.3० बजे: मौसम विज्ञान विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, चक्रवात पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश देश के तटीय क्षेत्र को पार चुका है। २१ मई के शुरुआती घंटों में चक्रवात बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल सीमा पार कर लेगा।
मौसम विभाग के मुताबिक, कोलकाता में 20 मई को दोपहर ढाई बजे के 222 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसा तूफान 283 साल पहले 1737 में आया था। पश्चिम बंगाल में 10-12 और ओडिशा में 3 लोगों के मारे जाने की खबर है।
दोनों ही राज्यों के कई इलाकों में पेड़ और दीवारें गिर गई हैं। अम्फान तूफान ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तबाही मचाई है। दोनों राज्यों में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। देर रात तक तेज बारिश और तूफानी हवाएं दोनों राज्यों को झकझोरती रही।
तूफान की रफ्तार जब तक थमी, कोलकाता में सबकुछ उलट पुलट हो चुका था। शहर में चारों तरफ पानी भर चुका था। गाड़ियां नावों की तरह तैर रही थी। सड़कों पर पेड़ उखड़े पड़े थे। बड़े-बड़े होर्डिंग, बिजली के पोल औंधे मुंह गिरे हुए थे।
बंगाल में समुद्र तट से टकराने के वक्त तूफान की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा पहुंच गई थी, जबकि कई घंटे बाद तक कोलकाता शहर में 130 किमी प्रति घंटे की तक की रफ्तार से हवाएं चलती रहीं।
अम्फान का सबसे ज्यादा कहर प. बंगाल के उत्तर 24 परगना, दक्षिणी 24 परगना, मिदनापुर और कोलकाता में रहा। बंगाल में तूफान से तबाही कितनी हुई इसका हिसाब किताब अभी बाकी है, लेकिन सीएम ममता बनर्जी कह रही हैं कि 10-12 लोगों की मौत हुई है। उनका कहना है कि डीएम, एसपी और प्रशासन के अधिकारी जमीनी स्तर पर हैं।
बंगाल के मुकाबले ओडिशा में तूफान का कहर कुछ कम रहा। यहां ज्यादा असर बालासौर, भद्रक और केंद्रपाड़ा में दिखा लेकिन इन इलाकों में भी हवा की रफ्तार 110 किमी से ज्यादा नहीं रही। इसके बावजूद ओडिशा में अभी तक 3 लोगों की मौत की खबर है।