नई दिल्ली। एनसीआर में आवाजाही आसान बनाने की मांग पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली-हरियाणा का बॉर्डर खुल चुका है। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने दिल्ली से आवाजाही पूरी तरह खोलने का विरोध किया। यूपी सरकार ने कहा कि नोएडा-गाज़ियाबाद से 40 गुना ज्यादा कोरोना केस दिल्ली में हैं। तब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि राष्ट्रीय गाइडलाइंस का पालन क्यों नहीं हो रहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 17 जून को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 4 जून को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो दिल्ली-एनसीआर में आवाजाही में लोगों को हो रही परेशानी के मसले पर दिल्ली, उत्तरप्रदेश और हरियाणा सरकार के साथ बैठक कर इस मसले का हल निकालें। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली एनसीआर में आवागमन के लिए एक युनिफार्म योजना होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि इस मसले पर तीनों राज्यों की बैठक कर एक हफ्ते के अंदर फैसला करें।
कोर्ट ने कहा था कि कोशिश ये होनी चाहिए कि एनसीआर में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए एक ही पास की जरूरत हो। एनसीआर के लिए पास जारी करने के लिए एक ही पोर्टल होना चाहिए। बता दें कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद दिल्ली, हरियाणा और यूपी सरकारों ने अपने राज्यों की सीमाओं को सील कर दिया था। इससे नौकरी पेशा लोगों और अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी।