नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गोवा विधानसभा के स्पीकर को एक महीने के अंदर कांग्रेस के दस बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने का दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पीकर को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के बाद चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
याचिका गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष गिरीश चोडणकर ने दायर किया है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अयोग्य ठहराए जाने वाली याचिका अगस्त 2019 के पहले से लंबित है। उस पर स्पीकर को जल्दी फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दस विधायकों को बीजेपी विधायकों और मंत्रियों के रूप में कार्य करने से रोका जाए।
याचिका में कहा गया है कि स्पीकर ने अयोग्यता का फैसला करने के लिए तीन महीने की समयसीमा का उल्लंघन किया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर विधायक दलबदल के मुद्दे से संबंधित अपने हालिया फैसले में तीन महीने की समय सीमा तय किया है।
जुलाई 2019 में गोवा में 15 कांग्रेस विधायकों में से दस ने पार्टी छोड़ दी और भाजपा में विलय कर लिया। इससे सत्तारुढ़ पार्टी की ताकत 27 से बढ़कर 40 हो गई। अगस्त 2019 में कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर राजेश पटनेकर के समक्ष दस विधायकों की अयोग्यता के लिए याचिका दायर किया। ये याचिका अभी तक लंबित है। याचिका में कांग्रेस के दस विधायकों के भाजपा के साथ विलय को चुनौती दी गई है क्योंकि पार्टी या गोवा ईकाई में कोई विभाजन नहीं था।