सुल्तानपुर की सदर सीट… सपा की प्रयोगशाला से निकला भाजपा की जीत का मंत्र

सुल्तानपुर। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे जिसे सपा अपना प्रॉजेक्ट बता रही थी 16 नवंबर 2021 को इसके लोकार्पण के लिए पीएम मोदी ने सुल्तानपुर की सदर विधानसभा सीट के अरवल कीरी क्षेत्र को चुना। यहां विशाल जनसभा के साथ एयर स्ट्रिप पर सुखोई और मिराज जैसे लड़ाकू विमान आसमान में उड़वाकर उन्होंने एक तीर से कई निशाने साधे थे। चुनावी नतीजे आए तो परत दर परत यह बातें सामने आई।

जिस टोटके से हारे अखिलेश उसी से जीते मोदी

उल्लेखनीय रहे कि सुल्तानपुर की सदर विधानसभा सीट इतिहास के पन्नों में लकी सीट मानी गई है। यहां से जिस दल का प्रत्याशी जीता उसको यूपी की सत्ता मिली। पांच साल पहले किसी राजनीतिक पंडित ने यह बात अखिलेश यादव के कान में बताया तो 24 जनवरी 2017 को इस विधानसभा क्षेत्र के लपटा गांव में विशाल रैली कर यूपी चुनाव का आगाज किया था।

यह टोटका उनके काम नहीं आया था और उनकी पार्टी अर्श से फर्श पर आ गई थी। ठीक पांच बाद नामुमकिन को मुमकिन की ताकत रखने वाले मोदी ने इसी विधानसभा को चुना और कई संकेत दिए। पहला यह कि यही से शंखनाद कर आप फेल हुए हो मैं यही से जीत का मंत्र निकाल लूंगा।

इसके अलावा अरवल कीरी के ग्राउंड पर पीएम ने लाखों के जनसैलाब को संबोधित किया था वही उनके सामने सुखोई, मिराज जैसे लड़ाकू विमान आकाश में उड़े जिन्हें देखने वाले देखते रह गए।इसकी गरज दूर तक गई। लोगो ने इस गरज को लड़ाकू विमान की गरज समझा हालांकि इस गरज के साथ मोदी सपा प्रमुख अखिलेश यादव को चुनाव में अपनी आने वाली गरज का एहसास करा रहे थे। उस गरज के जुमले कभी लाल टोपी तो कभी परिवारवाद और कभी तमंचावाद की सूरत में सुनाई दिए।

15 हजार से अधिक वोटों से जीते राज प्रसाद

बता दें कि 2012 विधानसभा चुनाव से पहले यह विधानसभा क्षेत्र जयसिंहपुर के नाम से जाना जाता था। 2012 के विधानसभा चुनाव में जयसिंहपुर का नाम बदलकर सदर कर दिया गया। उस समय लोग यही कयास लगा रहे थे कि अबकी बार नाम बदला है तो शायद इतिहास भी बदल जाएगा, लेकिन 2012 के चुनाव में सदर सीट पर सपा के टिकट पर चुनाव लड़े अरुण वर्मा विधायक चुने गए और सपा की सरकार बन गई साथ ही पुराना इतिहास कायम रहा।

इस बार दो चुनावों में बसपा के रनर राज प्रसाद उपाध्याय निषाद पार्टी से मैदान में आए और उन्होंने भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा। नतीजा आया तो राज प्रसाद 15754 वोटों से सपा अरुण वर्मा को पराजित किया।

गौरतलब हो कि सदर सीट पर कुल 343687 मतदाता हैं। इनमें 178115 पुरुष तो 165559 महिला मतदाता हैं। 13 अन्य मतदाता भी इस सीट पर हैं। पांचवें चरण में 27 फरवरी को हुए चुनाव में कुल 202390 मत पड़े। जिसमें 105141 महिलाओं और 97248 पुरुषों ने वोट किए हैं। अन्य में से केवल 1 वोट ही पड़ा है।

सदर विधानसभा क्षेत्र का इतिहास

1952 में कांग्रेस से नाजिम अली विधायक- कांग्रेस की सरकार

1957 में मो.समी कांग्रेस से विधायक -कांग्रेस की सरकार

1962 में रमाकांत सिंह कांग्रेस से विधायक- कांग्रेस की सरकार

1967 में श्रीपति मिश्र कांग्रेस से विधायक- कांग्रेस की सरकार

1969 में शिव कुमार पाण्डेय कांग्रेस से विधायक- कांग्रेस की सरकार

1974 में शिव कुमार पाण्डेय कांग्रेस से विधायक- कांग्रेस की सरकार

1977 में मकबूल खान जनता पार्टी से विधायक- जनता पार्टी की सरकार

1979 में रामलखन दूबे कांग्रेस से विधायक- कांग्रेस की सरकार

1980 में देवेंद्र पाण्डेय-कांग्रेस से विधायक- कांग्रेस की सरकार

1985 में देवेंद्र पाण्डेय कांग्रेस से विधायक- कांग्रेस की सरकार

1989 में सूर्यभान सिंह जनता दल से विधायक- जनता दल की सरकार

1991 में अर्जुन सिंह भाजपा से विधायक- भाजपा की सरकार

1993 में अब्दुल रईस सपा से विधायक- सपा की सरकार

1996 में राम रतन यादव बसपा से विधायक- बसपा की सरकार

2002 में ओपी. सिंह बसपा से विधायक- बसपा की सरकार

2007 में ओ.पी. सिंह बसपा से विधायक- बसपा की सरकार

2012 में अरुण वर्मा सपा से विधायक- सपा की सरकार

2017 में सीताराम वर्मा भाजपा से विधायक- भाजपा की सरकार

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