सुल्तानपुर: फर्जी कागज के सहारे तीन स्कूलों को दी मान्यता, भवन नहीं फिर भी लाखों का खेल

सुल्तानपुर। फर्जी कागजों के सहारे तीन स्कूल की मान्यता के बाद स्कूल का कोई भवन नहीं, फिर भी सांसद व विधायक निधि का 32 लाख रुपये से  ज्याद़ा का खेल हो गया। जिलाधिकारी ने सम्बंधित विभागों में कार्यवाही के लिए आदेश दिए है।
जिलाधिकारी सी. इन्दुमती ने शुक्रवार को बताया कि लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कलां, लालजी शिक्षण संस्थान उच्च प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कला एवं रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय कोथरा कला के सम्बन्ध में की गयी शिकायत तथा इस प्रकरण में रिट याचिका संख्या 18923 (एम0एस0)/2018 श्री लालजी शिक्षण संस्थान बनाम उ.प्र. सरकार एवं रिट याचिका संख्या 1887/ (एम0बी0) पी0आई0एल0/2020, राजकुमार बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य में न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन में जांच कमेटी गठित की गई।
जिसमें मुख्य राजस्व अधिकारी की अध्यक्षता में प्रकरण की जांच के लिए वरिष्ठ कोषाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी व तहसीलदार सदर सुलतानपुर की पॉच सदस्यीय समिति गठित की गयी है।
 उन्होंने बताया कि समिति द्वारा स्थलीय निरीक्षण तथा उभयपक्षों की सुनवाई के पश्चात अपनी आख्या 8 जुलाई को आख्या दी गयी है, जिसके अनुसार लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय कोथरा कला, लालजी शिक्षण संस्थान उच्च प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कला एवं रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय कोथरा कलां की मान्यता गलत तथ्यों को दर्शाते हुए शिक्षा विभाग से प्राप्त की गयी है।
बताया कि गाटा संख्या 95 में कभी भी कोई शिक्षा सम्बन्धी कार्य नहीं हुआ और न ही कभी वहां कोई विद्यालय स्थापित था। इसी प्रकार गाटा संख्या 442 में रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कलां कभी गतिमान नहीं रहा और न ही लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय कोथरा कलां गाटा संख्या 444 में संचालित रहा। वर्तमान में गाटा संख्या 444 एवं गाटा संख्या 442 के आंशिक भाग पर लालजी सिंह महाविद्यालय का भवन स्थापित है।
 जिलाधिकारी ने बताया कि जब विद्यालय का भवन ही स्थापित नहीं था, तो इन विद्यालयों पर विधायक व सांसद निधि का 32.70 लाख रूपये का दुरूपयोग कैसे हुआ। इन फर्जी शिक्षण संस्थानों में जो छात्रवृत्ति विभिन्न विभागों द्वारा वितरित की गयी, वह भी सत्यापित नहीं हो पायी और उसका भी दुरूपयोग हुआ है। प्रबन्ध के द्वारा शिक्षा विभाग, विकास विभाग व अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ छल करके उक्त कृत्यों को अंजाम दिया गया है।
तीनों संस्थाओं को मान्यता दिये जाने तथा विभिन्न विभागों द्वारा छात्रवृत्ति दिये जाने एवं सांसद, विधायक निधि से धनराशि दिये जाने से सम्बन्धित वर्ष 2001 से 2014 तक के अधिकारियों व कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करने के लिए निर्देशित किया गया है। एक सप्ताह के अन्दर कार्यवाही के लिए यथोचित स्तर पर प्रस्ताव प्रेषित किया जायेगा।
प्रबंधक के खिलाफ कार्यवाही
पूरे मामले को मुख्य विकास अधिकारी,जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण व जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी, सुलतानपुर द्वारा दोषी प्रबन्धक के विरूद्ध विधिक कार्यवाही तथा इन तीनों संस्थाओं के नाम पर दी गयी सांसद व विधायक निधि तथा विभिन्न विभागों द्वारा वितरित की गयी छात्रवृत्ति की वसूली के सम्बन्ध में भी कार्यवाही करायी जा रही है।

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