रायबरेली। सेना के अनुशासन, देश प्रेम और कर्तव्य परायणता को आत्मसात कर चुका एक जवान जब सेवानिवृत्त होकर घर वापस आता है तो उसका यह जज़्बा कम नहीं होता, बल्कि यह जूनून में बदल जाता है। अब यही जूनून युवाओं को एक दिशा दे रहा है।
सेना से सेवानिवृत्त होकर लौटे सूबेदार पवन सिंह का एक ही लक्ष्य है कि क्षेत्र के युवाओं को सेना में भेजने का। इसके लिए वह लड़के और लड़कियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। प्रशिक्षण के लिए उन्होंने किसी से कोई मदद नहीं ली, बल्कि अपने गांव में ही ख़ुद की पांच बीघे उपजाऊ जमीन को ही खेल का मैदान बना डाला। दो वर्ष से चल रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कई युवा सफल हुए हैं और पुलिस, सेना,अर्ध सैनिक बल जैसी सेवाओं में भर्ती हुए हैं। यह देखकर और भी युवा इसकी ओर रुचि ले रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि यह सब प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क होता है। कई सत्रों में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को बांटा गया है और प्रतिदिन सुबह और शाम शारिरिक के साथ-साथ विषयगत और सैद्धान्तिक तैयारी भी कराई जाती है। इसके साथ ही इन युवाओं को विभिन्न खेल प्रतियोगिता के लिये भी तैयार किया जाता है। यहां के कई बच्चे विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में अपना दबदबा कायम कर चुके हैं।