नई दिल्ली। इनकम टैक्स फाइल करने से पहले ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि ज्यादा से ज्यादा टैक्स कैसे बचाया जा सकता है। इनकम टैक्स एक्ट में ऐसे कई सेक्शन है जिसके तहत आप न केवल हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर बल्कि अपने परिवार के मेडिकल खर्चों पर भी टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। आप सेक्शन 80D, 80DD और 80DDB के तहत मेडिकल खर्चों पर भी टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। आज हम आपको इन तीनों सेक्शन के बारे में बता रहे हैं।
सेक्शन 80D
सेक्शन 80D चिकित्सा खर्च पर कटौती के लिए है। इसके तहत खुद, परिवार और आश्रित माता-पिता के भुगतान किए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स बचा सकते हैं। खुद या परिवार के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए धारा 80D कटौती की सीमा 25 हजार रुपए है। वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए, आप 50 हजार रुपए तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, 5 हजार रुपए की सीमा तक स्वास्थ्य जांच की भी अनुमति है और इसे समग्र सीमा में शामिल किया गया है।
सेक्शन 80DD
यदि किसी विकलांग (डिसेबल) व्यक्ति के इलाज पर आप खर्चा कर रहे हैं तो इस सेक्शन के तहत कर छूट पा सकते हैं। विकलांग व्यक्ति में माता-पिता, पत्नी, बच्चे, भाई और बहन हो सकते हैं, जो संबंधित व्यक्ति पर डिपेंडेंट हों। हिंदु अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) केस में फैमिली का कोई भी व्यक्ति हो सकता है। अगर निर्भर रिश्तेदार 40% या इससे ज्यादा लेकिन 80% से कम विकलांग है तो आयकर में 75 हजार रुपए तक की छूट ले सकते हैं। अगर रिश्तेदार गंभीर रूप से विकलांग है यानी 80% से ज्यादा तो टैक्स डिडक्शन 1.25 लाख रुपए रहेगा। इस क्लेम के लिए किसी मान्य मेडिकल अथॉरिटी से डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट जरूरी होगा।
ये डिसेबिलिटी होती हैं कवर
सुनने में अक्षम, मानसिक मंदता, दिमागी बीमारी, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी (प्रमस्तिष्क पक्षाघात), अंधापन (ब्लाइंडनेस), कम दिखाई देना, कुष्ठ रोग और लोको मोटर डिसेबिलिटी (80% या उससे अधिक शारीरिक अक्षमता) सहित अन्य बीमारियां इसमें शामिल हैं।
सेक्शन 80DDB
सेक्शन 80DDB के तहत अपने किसी आश्रित की गंभीर और लंबी बीमारी के इलाज में खर्च की गई रकम पर इनकम टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। कोई आयकर दाता अपने माता-पिता, बच्चे, आश्रित भाई-बहनों और पत्नी के इलाज में खर्च की गई रकम की कटौती के लिए दावा कर सकता है। इनमें कैंसर, हीमोफीलिया, थैलीसीमिया और एड्स आदि बीमारियां शामिल हैं। आम तौर पर यह कटौती 40 हजार रुपए होती है। वरिष्ठ नागरिकों के मामले में यह कटौती 1 लाख रुपए तक हो सकती है। इसके लिए चिकित्सक से प्रमाण पत्र लेना होता है।
ये बीमारियां होंगी कवर?
मोटर न्यूरॉन डिजीज, रीनल फेलियर, कैंसर, एड्स, हेमेटोलॉजिकल, अटैक्सिया, डिमेंशिया, अफेसिया, डिस्टोनिया मस्कुलोरम डिफॉर्मेंस और पार्किंसंस सहित अन्य बीमारियां इसमें शामिल हैं।