सेक्सटॉर्शन से लड़ने के लिए मेटा का कार्यक्रम अब कई भाषाओं में

नई दिल्ली।लाखों किशोरों को सेक्सटॉर्शन से निपटने में मदद करने के लिए मेटा ने ‘टेक इट डाउन’ कार्यक्रम को कई देशों और कई भाषाओं में लाने के लिए यूएस नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रेन (एनसीएमईसी) के साथ मिलकर काम किया है।

मेटा ने मंगलवार को एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, ”टेक इट डाउन एक कार्यक्रम है जो किशोरों को उनकी अंतरंग इमेज पर नियंत्रण वापस लेने और लोगों को उन्हें ऑनलाइन फैलाने से रोकने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है।”

पिछले साल यह कार्यक्रम अंग्रेजी और स्पेनिश में लॉन्च किया गया था। मेटा और एनसीएमईसी मिलकर अब इस प्लेटफॉर्म को कई देशों और कई भाषाओं में लेकर आए हैं। यह अब 25 और भाषाओं में उपलब्ध है।

यह अब हिंदी, चाइनीज, फ्रेंच, जर्मन, आइसलैंडिक, पुर्तगाली, उर्दू, तागालोग, बंगाली, थाई, अरबी, डच, तमिल, तुर्की, इटैलियन, खमेर, कुर्दिश, बहासा इंडोनेशियाई, मलयालम, मराठी, सिंहली, वियतनामी और कोरियाई में उपलब्ध है।

प्लेटफॉर्म को 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों की सहायता के लिए डिजाइन किया गया है जो अपनी ऑनलाइन सामग्री पोस्ट होने के बारे में चिंतित हैं। इसका उपयोग माता-पिता या भरोसेमंद वयस्कों द्वारा किसी युवा व्यक्ति की मदद लेने के लिए भी किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त, जो वयस्क 18 वर्ष से कम उम्र के दौरान उनकी ली गई तस्वीरों को लेकर चिंतित हैं, वे भी इस मंच का उपयोग कर सकते हैं।

टेक दिग्गज ने यह भी उल्लेख किया है कि उसने एक गैर-लाभकारी संस्था ‘थॉर्न’ के साथ काम किया है, जो बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए प्रौद्योगिकी का निर्माण करती है, ताकि किशोरों के लिए मार्गदर्शन विकसित किया जा सके कि अगर कोई उनका यौन शोषण कर रहा है तो नियंत्रण वापस कैसे लिया जाए।

इसमें माता-पिता और शिक्षकों के लिए सलाह भी शामिल है कि अगर वे इन घोटालों से प्रभावित हैं तो अपने किशोरों या छात्रों का समर्थन कैसे करें।

ये अपडेट मेटा के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग द्वारा अमेरिका में बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा पर सीनेट न्यायपालिका समिति की सुनवाई में परिवारों से माफी मांगने के बाद आए हैं।

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