नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना महामारी के बीच पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने तेल की बढ़ी कीमतों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार सचमुच लोगों को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है तो वह उनकी रास्ते में आर्थिक बाधा पैदा न करें। इसके साथ ही विपक्षी दल ने केंद्र सरकार पर यह आरोप भी लगाया है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत रिकॉर्ड स्तर तक गिरने के बावजूद छह वर्षों में इसका लाभ आम जनता को नहीं मिला है।
सोनिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि कोविड- 19 के खिलाफ जंग में देश ने स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था व सामाजिक ताने बाने पर आई अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना किया है। मुझे अत्यधिक खेद है कि इस भारी संकट के समय में भी मार्च महीने से आज तक सरकार ने दस अलग-अलग अवसरों पर पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढ़ाने का पूर्णतः असंवेदनशील निर्णय लिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से कहा कि पिछले एक हफ्ते में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 9 प्रतिशत की कमी आई है। इसके बावजूद केंद्र सरकार देश के नागरिकों की जेब से पैसा निकाल ऐसे समय में मुनाफा कमा रही है, जब वो पहले ही मंदी से त्रस्त हैं।
केवल एक्साइज शुल्क तथा पेट्रोल व डीजल के मूल्यों की इस नासमझ व अविवेचित वृद्धि से केंद्र सरकार 2,60,000 करोड़ रु. का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित कर रही है। पहले से ही लोगों को व्यापक स्तर पर भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तथा उनमें डर व असुरक्षा की भावना व्याप्त है। मूल्यों में इस अप्रत्याशित वृद्धि से आम भारतीय पर अत्यधिक आर्थिक बोझ डाला गया है, जो न तो उचित है और न ही तर्कसंगत। सरकार का कर्तव्य व जिम्मेदारी है कि वह लोगों की पीड़ा कम करे, न कि उन पर और ज्यादा बोझ डाले।
सोनिया ने अपने पत्र में आगे कहा कि यह समझ से परे है कि केंद्र सरकार ने मूल्यों में बढ़ोत्तरी करने का यह निर्णय उस समय क्यों लिया, जब कोविड-19 की आर्थिक मार ने लाखों लोगों की नौकरी व आजीविका छीन ली, बड़े व छोटे व्यवसायों को तबाह कर दिया, मध्यम वर्ग की आय में भारी गिरावट हुई तथा देश का किसान खरीफ की फसल बोने के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
सोनिया ने कहाकि कच्चे तेल के दामों में ऐतिहासिक कमी के बावजूद केंद्र सरकार ने पिछले छः सालों में बारह बार अलग अलग अवसरों पर पेट्रोल एवं डीजल पर एक्साईज शुल्क बढ़ाकर भारी भरकम कमाई की है। पेट्रोल पर एक्साईज़ शुल्क में 258 प्रतिशत वृद्धि तथा डीजल के एक्साइज शुल्क में 820 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे इन छः सालों में केंद्र सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल पर एक्साईज शुल्क से लगभग 1800000 करोड़ रुपया कमाया है। इस पैसे का देश की जनता की सेवा में सदुपयोग करने का आज से बेहतर कोई समय नहीं हो सकता।
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह पेट्रोल व डीजल के मूल्यों में की गई इस अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी को वापस लें और कच्चे तेल के कम दामों का लाभ देश के नागरिकों को प्रदान करें।