नई दिल्ली। भारत में सोशल मीडिया का लगातार गलत इस्तेमाल होने के बाद सरकार की निगाहें इस तरफ टेढ़ी हो गयी है। उल्लेखनीय है कि देश भर में कई जगहों पर सोशल मीडिया पर फैलायी गयी अफवाहों की वजह से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और कई घायल हो गये है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने हाल में ही सोशल मीडिया पर बैन लगाने की मांग की थी लेकिन सरकार ने इनकार कर दिया था। सरकार का मानना था कि इससे नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन होगा। लेकिन सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सरकार सोशल मीडिया पर कड़ा कदम उठाने पर गौर कर रही है।
दूरसंचार विभाग ने सोशल मीडिया में फेक न्यूज को रोकने के लिए पहल की है। डीओटी ने जरूरत पडऩे पर इन सोशल मीडिया एप्स को ब्लॉक करने की सिफारिश करते हुए कंपनियों से राय मांगी है। इस मामले में दूरसंचार विभाग ने 18 जुलाई का लिखे एक लेटर में कहा है, इंस्टाग्राम, फेसबुक, वॉटसऐप, टेलीग्राम जैसे मोबाइल ऐप्स को इंटरनेट पर कैसे ब्लॉक कर सकते है। आपसे इसके संभावित विकल्प बताने की राय मांगी है। इस पत्र को भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन इंडिया, आइडिया सेल्युलर के अलावा टेलीकॉम और आईएसपी इंडस्ट्री से संबंधित संस्थाओं को भेजा है। इन एप्स को इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 69 ए के तहत ब्लॉक कर सकते है।
69 ए के अंतर्गत इस कानून में कंप्यूटर एप्लीकेशन के जरिए गई जा रही इनफार्मेशन को अर्थारिटी को ब्लॉक करने निर्देश दिए है। आपको बता दे कि पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों के कारण देश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में वृद्धि हुई। जिसके बाद सोशल मीडिया को कैसे कंट्रोल किया जाने का मुद्दा उठा था। पिछले कुछ दिनों में मॉब लिंचिंग की घटनाओं के बाद सरकार ने व्हाट्सएप को नोटिस भेजा था। सरकार के हस्तक्षेप के बाद व्हाट्सएप ने अपनी सेटिंग में कुछ बदलाव किया था जिससे की फॉर्वर्डेड मैसेजेस को रेगुलेट किया जा सके। उल्लेखनीय है कि भारत में सोशल मीडिया पर करोड़ों लोगों के खाते हैं उनपर फर्जी खबरों और अफवाहों से गलत असर पड़ रहा है।