नई दिल्ली। स्कूलों में बच्चों के स्मार्टफोन ले जाने पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने इसकी निगरानी व विनियमित करने की वकालत की है।स्मार्टफोन के संबंध में दिशानिर्देश तय करते हुए न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने कहा कि फोन को लेकर अभी तक नकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं और इसके इस्तेमाल के कई हित हैं।
बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक
इससे न सिर्फ बच्चे अपने स्वजन के संपर्क में रहते हैं, बल्कि स्कूल आने में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है।
दिशानिर्देश तय करते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि स्कूलों में छात्रों द्वारा स्मार्ट फोन ले जाने पर प्रतिबंध नहीं किया जा सकता है। हालांकि, स्कूल प्रबंधन स्मार्टफोन की निगरानी कर सकेंगे।केंद्रीय विद्यालय एक छात्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कई अहम दिशानिर्देश जारी किए। याचिका में स्कूल में फोन प्रतिबंधित करने को लेकर दिशा निर्देश तय करने की मांग की गई थी।
याचिका पर जिरह के दौरान केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा तीन प्रमुख सर्कुलर पेश किए गए। वर्ष 2009 और 2023 में सीबीएसई और दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा आदेश में स्कूलों में फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी।याचिकाकर्ता छात्र के नाम को गोपनीय रखते हुए अदालत मामले में स्कूल, केंद्रीय विद्यालय संगठन, सीबीएसइ और एनसीपीसीआर को भी पक्षकार बनाया गया था ताकि बच्चों के अधिकारों के संरंक्षण के लिए उचित दिशा निर्देश दिए जा सकें।
न्यायालय ने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए
- छात्रों को स्कूल में स्मार्टफोन ले जाने से मना नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन स्कूल में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर नज़र रखी जानी चाहिए
- छात्रों के लिए स्कूल में प्रवेश करते समय अपने स्मार्टफोन जमा करने और घर वापस आने पर उन्हें वापस लेने की व्यवस्था होनी चाहिए
- स्मार्टफोन को कक्षा में पढ़ाने, अनुशासन या समग्र शैक्षिक वातावरण में बाधा नहीं डालनी चाहिए। इसके लिए, कक्षा में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर रोक लगाई जानी चाहिए। स्कूल के कॉमन एरिया के साथ-साथ स्कूल वाहनों में भी स्मार्टफोन पर कैमरे और रिकॉर्डिंग प्रतिबंधित होनी चाहिए
- स्कूलों को छात्रों को डिजिटल शिष्टाचार और स्मार्टफोन के नैतिक इस्तेमाल के बारे में शिक्षित करना चाहिए।
- सुरक्षा और समन्वय उद्देश्यों के लिए कनेक्टिविटी के लिए स्मार्टफोन के इस्तेमाल की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन मनोरंजन के लिए स्मार्टफोन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए
- माता-पिता, शिक्षकों और विशेषज्ञों के परामर्श से स्कूल में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर नजर रखने की नीति बनाई जानी चाहिए।
- स्कूलों को ऐसी नीतियों को लागू करना चाहिए जो उनकी परिस्थितियों के अनुकूल हों
- स्कूल में स्मार्टफोन के इस्तेमाल के नियमों के उल्लंघन के लिए पारदर्शी, निष्पक्ष नियम लागू किए जाने चाहिए। अनुशासनात्मक कार्रवाई में छात्र को कुछ दिनों के लिए स्मार्टफोन ले जाने से रोकना शामिल हो सकता है
- तेजी से बदलती तकनीक और उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए नीति की नियमित रूप से समीक्षा और संशोधन किया जाना चाहिए।