स्मृति शेषः एक महीने में सुशांत को अपना सा लगने लगा था उत्तराखंड

देहरादून। आठवीं में पढ़ने वाले श्रीनगर के अक्षत भट्ट के लिए सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर यकीन करना मुश्किल है। यही स्थिति अक्षत के पिता प्रसिद्ध लोक कलाकार, रंगकर्मी डाॅ राकेश भट्ट की भी है। पिता-पुत्र दोनों का सुशांत सिंह राजपूत के साथ 2017 में एक महीने का साथ रहा था। फिल्म केदारनाथ की शूटिंग के लिए उत्तराखंड आए सुशांत ने तब अपने मिलनसार स्वभाव से सभी का दिल जीत लिया था। उत्तराखंड के साथ वह इस एक महीने में खास लगाव महसूस करने लगे थे।
सितम्बर 2017 में केदारनाथ फिल्म की शूटिंग सुशांत सिंह राजपूत ने रुद्रप्रयाग जिले के रामपुर, त्रिजुगीनारायण, केदारनाथ आदि क्षेत्रों में की थी। इस फिल्म में अक्षत ने सुशांत के छोटे भाई का किरदार निभाया था। अक्षत के पिता डाॅ राकेश भट्ट के अनुसार-केदारनाथ फिल्म के प्रोडक्शन से जुडे़ एक परिचित ने 2017 में उनसे संपर्क किया था। उन्हें फिल्म के लिए एक चाइल्ड आर्टिस्ट की तलाश थी।
यह तलाश उनके बेटे अक्षत पर आकर खत्म हुई। डाॅ भट्ट ने बताया कि आडिशन समेत तमाम औपचारिकता पूरी होने के बाद वह अपने बेटे को लेकर सुशांत सिंह राजपूत से मिलने रामपुर-रुद्रप्रयाग के होटल पहुंचे। पहली मुलाकात में ही वह इस तरह से पेश आए, जैसे बहुत पुराना परिचय हो।
डाॅ भट्ट बताते हैं कि सुशांत सिंह राजपूत ने इस एक महीने के दौरान मिलने जुलने वाले हर एक व्यक्ति के दिल में अमिट छाप छोड़ी। फिल्म की कुछ शूटिंग मुंबई में भी हुई, जहां केदारनाथ धाम का भव्य सेट तैयार किया गया था। डाॅ भट्ट के अनुसार-सुशांत उनसे और उनके पुत्र से मुंबई में भी उसी आत्मीयता से मिले, जैसे रुद्रप्रयाग में मिले थे। रहने-खाने की व्यवस्था के बारे में भी उन्होंने पूछा।
सुशांत के साथ काम करने वाले अक्षत के लिए उनकी मौत किसी सदमे से कम नहीं है। अक्षत का कहना है कि वह बहुत अच्छे कलाकार और इंसान थे। सुशांत कहते थे कि उत्तराखंड में फिल्म इंडस्ट्री के विकास के लिए बहुत संभावना है।

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