नई दिल्ली। मौजूदा मॉनसून सत्र ठीक से नहीं चल पा रहा है। पेगासस जासूसी कांड का मामला लगातार तूल पकड़ता नजर आ रहा है। आलम तो यह है कि पेगासस जासूसी कांड में विपक्ष और सरकार आमने-सामने हैं। विपक्ष चाहता है कि इसपर चर्चा हो लेकिन सरकार की कोशिश है कि वो विपक्षको सियासी स्कोर नहीं करने देंगी। अगर बात की जाये मौजूदा मॉनसून सत्र की तो अब तक केवल नौ दिन ही संसद चल पायी है।
बता दें कि 19 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ था लेकिन पिछले सात दिनों में लोकसभा 4 घंटे और राज्यसभा सिर्फ 8.2 घंटे ही मुश्किल से चली है। दूसरी ओर राज्यसभा में 33.8 घंटे स्वाहा हो गए है। इस वजह से सरकारी खजाने को भारी नुकसान होने की बात कही जा रही है। सरकारी खजाने के 53.85 करोड़ रुपये बर्बाद हुए हैं। सदन की एक घंटे की कार्यवाही का खर्च लगभग ढाई लाख रुपये हैं।
सदन में इन मुद्दों पर देखने को मिल रही है रार
इस बार सदन में कुछ मामले को लेकर जमकर राजनीतिक घमासान देखने को मिला है। ऑक्सीजन के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा देखने को मिला है।
सरकार ने बताया कहा था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है। सरकार के इस बयान के बाद सदम में जमकर हंगामा हुआ।
इसके आलावा किसानों का मुद्दा भी सदन में चर्चा का विषय बना रहा है। पिछले नौ दिनों से शिरोमणि अकाली दल इस मुद्दे पर सदन में प्रदर्शन कर रही है जबकि राहुल गांधी ने ट्रैक्टर चलाते हुए संसद में गए थे।
इतना ही नहीं किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जंतर मंतर पर किसान संसद का आयोजन भी किया था। संसद में इस मुद्दे को लेकर भी हंगामा देखने को मिला है।
वहीं 22 जुलाई को संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस जासूसी कांड पर बयान दे रहे थे तभी उनके हाथ से पेपर छीन लिया गया है औश्र उसे फाड़कर उपसभापति की तरफ फेंक दिया गया। इस मामले में टीएमसी सांसद शांतनु सेन निलंबित कर दिया गया और सदन की कार्यवाही में बाधा पैदा हुई थी।
पेगासस जासूसी कांड का मामला लगातार संसद में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में विपक्ष सरकार से जवाब मांग रही है और सदन में जमकर नारेबाजी कर रही है। इस वजह से संसद की कार्यवाही काफी देर बाधित होती नजर आ रही है।